गभीर खड्ड, कैनियनः
किसी पठारी या पर्वतीय क्षेत्र में खड़ी भित्तियों वाली गहरी घाटी अथवा कोई महाखड्ड।
अन्य स्रोतों से
शुष्क तथा अर्धशुष्क प्रदेशों में पाया जाने वाला खड़े ढालों से परिबद्ध अपेक्षाकृत संकीर्ण, किंतु बड़े आकार का एक गहरा गार्ज, जिसकी तली में ऐसी नदी बहती है जो मृदुशैलों का अपरदन करती है। इस नदी को जल दूरस्थ पर्वतों पर पिघलने वाली बर्फ से मिलता है। वर्षा की कमी गभीर खड्ड की दीवारों के अनाच्छादन को रोकती है और इस प्रकार उनकी प्रवणता स्थिर रहती है।
अपेक्षाकृत् संकरा किन्तु लम्बाई में विस्तृत तीव्र पार्श्वों वाला गार्ज या गहरा खड्ड। उच्च पर्वतीय ढालों पर नदी के गहरे कटाव से इसका निर्माण होता है। शुष्क प्रदेशों में आकस्मिक वर्षा से नदी कोमल शैलों को काट कर अपनी घाटी को गहरा करती है किन्तु पार्श्वों पर अनाच्छादन कम होता है जिससे गहरी एवं तीव्र ढाल वाली कंदरा या खड्ड का निर्माण होता है। सं.रा.अ. में कोलोरैडो नदी का ग्रांड कैनियाम विश्व का वृहत्तम गभीर खड्ड है जिसकी गहराई कई स्थानों पर 1600 मीटर से भी अधिक है। एक लघु किन्तु गहरी घाटी जिससे होकर कोई सहायक सरिता मुख्य नदी में मिलती है, गौण कैनियान (side canyon) कहलाती है। महासागरीय तली पर भी गहरे खड्ड पाये जाते हैं जिन्हें अंतःसागरीय गभीर खड्ड/कंदरा (submarine canyon) कहते हैं।
अपेक्षाकृत् संकरा किन्तु लम्बाई में विस्तृत तीव्र पार्श्वों वाला गार्ज या गहरा खड्ड। उच्च पर्वतीय ढालों पर नदी के गहरे कटाव से इसका निर्माण होता है। शुष्क प्रदेशों में आकस्मिक वर्षा से नदी कोमल शैलों को काट कर अपनी घाटी को गहरा करती है किन्तु पार्श्वों पर अनाच्छादन कम होता है जिससे गहरी एवं तीव्र ढाल वाली कंदरा या खड्ड का निर्माण होता है। सं.रा.अ. में कोलोरैडो नदी का ग्रांड कैनियाम विश्व का वृहत्तम गभीर खड्ड है जिसकी गहराई कई स्थानों पर 1600 मीटर से भी अधिक है। एक लघु किन्तु गहरी घाटी जिससे होकर कोई सहायक सरिता मुख्य नदी में मिलती है, गौण कैनियान (side canyon) कहलाती है। महासागरीय तली पर भी गहरे खड्ड पाये जाते हैं जिन्हें अंतःसागरीय गभीर खड्ड/कंदरा (submarine canyon) कहते हैं।