सेचन के उपरांत सूक्ष्म नलिकाओं के द्वारा ऊपर चढ़ जाने वाला पानी।
1. मृदा ‘केशिका’ अथवा छोटे रंध्रों में धारित जल जिसका तनाव प्रायः पानी के 60 सेंमी. से अधिक होता है।
2. मृदा कणों के चारों ओर सतत परत के रूप में पृष्ठीय तनाव बलों द्वारा रोका गया जल जो मृदा रंध्रों में धारण किया जाता है।
1. मृदा ‘केशिका’ अथवा छोटे रंध्रों में धारित जल जिसका तनाव प्रायः पानी के 60 सेंमी. से अधिक होता है।
2. मृदा कणों के चारों ओर सतत परत के रूप में पृष्ठीय तनाव बलों द्वारा रोका गया जल जो मृदा रंध्रों में धारण किया जाता है।
शब्द रोमन में
Keshika jal