छोटी नसी धरती हँसी

Submitted by Hindi on Mon, 03/22/2010 - 14:57
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घाघ और भड्डरी

छोटी नसी धरती हँसी।
हर लगा पताल, तो टूट गया काल।।


शब्दार्थ- नसी-हल का फाल (हल के नीचे लगा नुकीला लोहा)।

भावार्थ- हल के छोटे फाल को देखकर धरती हँसती है कि इसकी जुताई से कैसे पैदावार होगी? यदि हल के लम्बे फाल से गहरी जुताई होती है तो अकाल भी समाप्त हो जाता है अर्थात् अल्प वृष्टि की स्थिति में भी पैदावार हो जाती है।