Coral in Hindi (प्रवाल)

Submitted by admin on Sat, 07/31/2010 - 08:53

प्रवाल

एक लघु समुद्री जीव (polyp) जो मुख्यतः उष्ण कटिबंधीय उथले सागरीय जल में समूह में विकसित होता है। प्रवाल जीव (coral polyps) चूना पदार्थों पर आश्रित होते हैं और अपने शरीर के चारों ओर चूने की एक खोल या घरौंदा बनाते हैं तथा असंख्य प्रवाल एक साथ समूह में रहते हैं। ये जीव अपने घरौंदों के भीतर ही मर जाते हैं। समुद्र की उथली तली पर ये घरौंदे एकत्रित होते रहते हैं। मृत प्रवालों के घरौंदों के ऊपर अन्य प्रवाल नवीन घरौंदों का निर्माण करते रहते हैं। यह प्रक्रिया दीर्घकाल तक चलते रहने पर उथले सागरीय नितल पर विस्तृत भित्ति वन जाती है जिसे प्रवालभित्ति (coral reef) कहते हैं। प्रवाल जीवों का विकास सामान्यतः तलछट मुक्त खारे जल में होता है जिसका तापमान अधिक (लगभग 21 सेल्सियस) को किंतु अधिक गर्म जल में भी ये मर जाते हैं। प्रवालों का विकास प्रायः 30 से 50 मीटर गहरे भागों तक होता है क्योंकि इससे अधिक गहराई में सूर्य प्रकाश के अभाव में यथोचित आक्सीजन नहीं प्राप्त हो पाती है। इनके विकास के लिए उच्च सागरीय लवणता (27 से 40 प्रति हजार) उपयुक्त होती है। प्रवाल मुख्यतः 300 उ तथा 300 द अक्षांशों के मध्य पाये जाते हैं किंतु महाद्वीपों के पश्चिमी भाग में जहां ठंडी धाराएं प्रवाहित होती है, इनकी अनुपस्थिति पायी जाती है।

अन्य स्रोतों से
चूना-स्रावी एक समुद्री पॉलिप जो उष्णकटिबंधीय सागरों में पाया जता है। यह स्वच्छ सुऑक्सीजनित जल में उत्पन्न होता है, जहां उसे सूक्ष्म जीव खाद्य-पदार्थ के रूप में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होते हैं। यह ताजे पानी या गाद भरे जल में, अथवा जल में जिसका तापमान 20 सें. (68 फ.) से कम रहता है, उत्पन्न नहीं हो सकता। यह अधिक गहराई (45-55 मीटर से अधिक) में भी नहीं पनप सकता। किंतु कहीं-कहीं यह 70 मीटर से अधिक गहराई में भी देखा जाता है।