क्रिस्टलीय सममितिः
क्रिस्टल की आंतरिक परमाण्विक संरचना पर आधारित उसकी फलकीय सममिति जो कि ज्यामितीय सममिति से सर्वथा भिन्न होता है। इसमें फलकों की कोणीय स्थिति सर्वाधिक महत्वपूर्ण होती है और फलकों की सममिति-केन्द्र या सममिति-तल (plane of symmetry) से दूरी तथा उनकी साइज़ों का इसमें कोई महत्व नहीं होता।