एक प्रकार का झरना जिसकी उत्पत्ति भूमिगत जल के सामान्य प्रवाह में किसी डाइक (लम्बवत् अपारगम्य आग्नेय शैल) की उपस्थिति से उत्पन्न अवरोध के परिणामस्वरूप होती है। प्रवाह मार्ग में डाइक द्वारा उत्पन्न अवरोध के कारण भूमिगत जल भूपृष्ठ पर झरना के रूप में प्रकट होता है।
- आग्नेय शैल की एक ऊर्ध्वाधर या अत्यधिक झुकी हुई परत, जिसकी रचना उस समय होती है, जबकि पृथ्वी-अंतरंग से पिघले हुए शैल-पदार्थ या मेग्मा किसी विदर में होकर अथवा अपने मार्ग को पिघलाकर सतह पर आ गया हो, और वहां ठंडा होकर ठोस हो गया हो। डाइक अपनी दिशा बदल सकता है या अनेक छोटे-छोटे डाइकों में विभाजित होकर सिलों का रूप धारण कर सकता है। इसकी मोटाई कुछ इंचों से लेकर सैंकड़ों फुट तक हो सकती है।
- आग्नेय शैल की एक ऊर्ध्वाधर या अत्यधिक झुकी हुई परत, जिसकी रचना उस समय होती है, जबकि पृथ्वी-अंतरंग से पिघले हुए शैल-पदार्थ या मेग्मा किसी विदर में होकर अथवा अपने मार्ग को पिघलाकर सतह पर आ गया हो, और वहां ठंडा होकर ठोस हो गया हो। डाइक अपनी दिशा बदल सकता है या अनेक छोटे-छोटे डाइकों में विभाजित होकर सिलों का रूप धारण कर सकता है। इसकी मोटाई कुछ इंचों से लेकर सैंकड़ों फुट तक हो सकती है।
अन्य स्रोतों से
वेबस्टर शब्दकोश ( Meaning With Webster's Online Dictionary )
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