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शुक्रवार, अप्रैल 2016
वे कभी अमेरिका नहीं गए थे, फिर कैसे इतना कुछ शब्दशः वर्णन कर देते थे जैसे वहीं खड़े हों? उनके शब्द मेरे कानों में गूँज रहे थे ‘नदी और उसकी सहायक नदियों ने उस क्षेत्र को परत-दर-परत काटा होगा और पठार ऊपर गया होगा, तब एक अजूबा सामने आया जब पृथ्वी का भूगर्भीय इतिहास प्रकट हुआ ऐसा अजूबा कि देखने वाले बस देखते रह जाएँ दाँतों तले उँगली दबाएँ, ‘जानती हो इस अजूबे को क्या कहते है?’
‘ग्रैंड कैन्यन’। विश्व के एक विशाल प्राकृतिक अजूबे के साथ ही ग्रैंड कैन्यन अमेरिका के सबसे बड़े पर्यटक केन्द्रों में से एक है।
आठवीं क्लास में पढ़ने वाली एक बच्ची के लिये जिसने तब केवल नर्मदा नदी और नर्मदा घाटी ही देखी सुनी थी, वैश्विक अजूबा नया शब्द था। मैंने तब पिताजी की तरफ आश्चर्य से देखा। मेरी नजरों में प्रश्नवाचक था, ‘हम कब जाएँगे देखने?’
पिताजी ने विश्व एटलस निकाला और समझाया कि वह हमारे पड़ोस में थोड़ी है और वह तो सात समन्दर पार अमेरिका महाद्वीप पर है। पिता की आँखें भी आश्चर्य से भरी थीं उन्होंने कहा ‘वंडर्स ऑफ द वर्ल्ड, एटलस अब मेरे हाथों में था।’ पिता भूगोल के शिक्षक थे दुनिया भर के एटलस उनकी हॉबी थी। वे दुनिया में बच्चों की रुचि जगाने के लिये ऐसी जगहों के बारे में बताया करते थे।
ग्रैंड कैन्यन दुनिया का महा दर्रा है जो पश्चिम से आरम्भ हुआ और दूसरी तरफ पूर्व से भी बनने लगा। साथ-साथ दो धाराओं की तरफ बनते-बनते तकरीबन साठ लाख साल पूर्व दोनों दरारें एक स्थान पर एक साथ मिल गईं जैसे गंगा-जमुना मिलती हैं। मेरी कॉपी पर पेंसिल से दोनों तरफ से दो दरारों को खींचते हुए उन्होंने मिला दिया, वह कॉपी जिसमें वे दुनिया का एटलस समझाते थे, अब भी कहीं हमारे घर में मिल जाएँगी। चित्र मेरी आँखों में अब भी बना हुआ है जो धुँधला हो गया था।
‘नाऊ वी आर फ्लाइंग ओवर द वंडर ऑफ द वर्ल्ड ग्रैंड कैन्यन’, हेलीकॉप्टर चालक की आवाज से मेरी तन्द्रा भंग हुई। खिड़की से नीचे झाँका। मेरी कॉपी के पन्ने पर पिता द्वारा खींची रेखा दुनिया के वितान पर एक विराट दर्रा, केवल रेखा नहीं था किसी कलाकार की पेंटिंग थी शायद, नहीं वे प्रकृति के ऐसे गुम्बद थे जैसे विष्णु के मन्दिरों के होते हैं, वे रेत के टीले थे, वे लाल भूरे काले पहाड़ थे जिन पर नक्काशी दिखाई देती है।
मैं रोमांचित होते हुए देख रही थी पिता का समझाया अजूबा, जो उनकी बेटी को उसकी बेटी ने दिखाया। पिता इस यात्रा में साथ नहीं हैं, उनका हाथ छूटे सालों हो गए, पर वे मेरे साथ थे। इस यात्रा में शब्द बनकर बार-बार याद आ रहे थे मैंने आसमान की ओर देखा शायद वो मुझे दुनिया देखते हुए वहाँ से देख रहे हों?
पिता से बेहतर भूगोल का शिक्षक मैंने अपने जीवन में फिर कहीं नहीं पाया और यात्रा गाइड तो वो अब भी मेरे बने रहते हैं। वे आर्थिक रूप से सम्पन्न नहीं थे पर ज्ञान का अचूक भण्डार उनके पास था, न टी.वी. थे, ना फोन-कम्प्यूटर का तो सवाल ही नहीं था फिर कैसे वे इतना जानते थे? मेरे लिये तो यही दुनिया का सबसे बड़ा अजूबा बना हुआ है।
परिवार साथ था पर स्मृति पिता के साथ यात्रा करवा रही थी। नीचे लालिमा लिये भूरे मटमैले पठार थे जिन पर परत-दर-परत दरारें दिखाई दे रही थीं, इनके बीच कहीं-कहीं जलधाराएँ दिख रही थीं, दूर-दूर तक फैले निर्जन भयावह से लगते एक क्षितिज से दूसरे क्षितिज तक अनन्त में फैले रेतीले मरुस्थलीय पठार। हेलीकॉप्टर ने एक अजीब सी घरघर शुरू की तो एक पल को लगा, यदि इस वीराने में कुछ हो जाये तो पानी की एक बूँद भी देने वाला नहीं मिलेगा पर सामने से आते दूसरे हेलीकॉप्टर ने भय को उड़न छू कर दिया।
अपनी तीसरी बार की अमेरिका यात्रा में इस बार बच्चों ने हमारे साथ कैलिफोर्निया (संयुक्त राज्य अमेरिका के पश्चिमी तट पर स्थित एक राज्य) देखा। यह अमेरिका का सबसे अधिक आबादी और क्षेत्रफल में अलास्का और टेक्सास के तीसरा सबसे बड़ा राज्य है। कैलिफोर्निया के ऊपर औरिगन, और उसके नीचे मैक्सिको है। कैलिफोर्निया की राजधानी सैक्रामेंटो है।
संयुक्त राज्य अमेरिका का आधा फल इस राज्य से आता है, ऐरिजोना अमेरिका के दक्षिण पश्चिमी हिस्से में स्थित राज्य इसका सबसे बड़ा शहर और राजधानी फिनिक्स है। लास वेगास नेवादा का सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर है, फिर क्लार्क काउंटी का स्थान है और जुआ, खरीदारी तथा शानदार खान-पान के लिये अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर जाना जाने वाला एक प्रमुख शहर है।
स्वयं को दुनिया की मनोरंजन राजधानी के रूप में प्रचारित करने वाला लॉस वेगास, कसीनो रिसॉर्ट्स की बड़ी संख्या और उनसे सम्बन्धित मनोरंजन के लिये मशहूर है, सैन फ्रांसिस्को शहर कैलिफोर्निया में चौथी सबसे अधिक आबादी वाला शहर है।
यात्रा अद्भुत थी बच्चे दामाद साथ थे। अल सुबह हम लॉस वेगास से ट्रैवेल्स की बुकिंग अनुसार सड़क मार्ग हाईवे 93 से बस से निकले। यह बस हमें होटल से ही पिकअप करती है, हेलीपैड तक ले जाने के लिये। हमारा पहला पड़ाव था लॉस वेगास से 33 मील दूर स्थित हूवर बाँध। यह बाँध नेवादा और एरिजोना राज्य की सीमा पर कोलोराडो नदी की ब्लैक कैन्यन के ऊपर बना हुआ है, बेहद नाजुक दिखने वाला यह पुल अनोखे पुलों में शामिल है।
सन 1936 में बनकर तैयार हुआ हूवर बाँध, जो कभी बौल्डर बाँध के नाम से जाना जाता था, कंक्रीट का गुरुत्वाकर्षण चाप बाँध है, जो अमेरिकी राज्यों एरिजोना और नेवादा की सीमा के बीच स्थित कोलोराडो नदी के ब्लैक कैन्यन पर है। जब 1936 में इसका निर्माण पूरा हुआ, तब यह पनबिजली ऊर्जा उत्पन्न करने वाला विश्व का सबसे बड़ा स्टेशन और विश्व की सबसे बड़ी संरचना थी। यह आज की तारीख में विश्व का 38वाँ सबसे बड़ा पनबिजली उत्पादन केन्द्र है।
लॉस वेगास, नेवादा के दक्षिणपूर्व में स्थित इस बाँध का नाम हरबर्ट हूवर के नाम पर रखा गया है जिन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में इस बाँध के निर्माण में एक सहायक भूमिका निभाई। इसका निर्माण 1931 में शुरू हुआ और 30 सितम्बर 1935 को राष्ट्रपति फ्रेंकलिन डी. रूजवेल्ट द्वारा इसे समर्पित कर दिया गया, लेकिन इसका निर्माण 1936 तक ही पूर्ण हो पाया।
बाँध में इस्तेमाल किया गया कंक्रीट, सेन फ्रांसिस्को से न्यूयॉर्क तक के दो-लेन वाले एक राजमार्ग के निर्माण के लिये पर्याप्त है। अमेरिका में बने दुनिया के सबसे ऊँचे हूवर बाँध के निर्माण के साथ 112 मौतें भी जुड़ी हुई हैं। एक लोकप्रिय कथा के मुताबिक हूवर बाँध के निर्माण में मरने वाले प्रथम व्यक्ति सर्वेक्षक जे.जी. टिएर्नेय थे, जिनकी बाँध के लिये आदर्श स्थान ढूँढते हुए डूब जाने से हुई। उनके बेटे, पैट्रिक डब्ल्यू टिएर्नेय, बाँध पर कार्य करते हुए मरने वाले अन्तिम व्यक्ति थे, जो उनके पिता के मृत्यु दिवस से 13 वर्ष बाद था।
बाँध के निर्माण ने बाँध से अनुप्रवाहित नदी में रहने वाली स्थानीय मछलियों की जनसंख्या को भी बहुत कम कर दिया है। कोलोराडो नदी में रहने वाली मछलियों की चार स्थानीय प्रजातियों को, फेडरल सरकार द्वारा वर्तमान में लुप्तप्रायः के रूप में सूचिबद्ध किया गया है, ये प्रजातियाँ हैं बोनिटेल चब, कोलोराडो पाइकमिनो, हम्पबैक चब और रेजरबैक सकर।
हूवर बाँध को कई फिल्मों में प्रदर्शित किया गया, जिनमें दी सिल्वर स्ट्रीक, सेबोटेओर, वेगास वेकेशन, चेरी 2000, ट्रांसफॉर्मर्स, विवा लॉस वेगास, युनिवर्सल सोल्जर, सुपरमैन और दर्जनों अन्य फिल्मों में शामिल हैं। कहते हैं, यह बाँध इंजीनियरिंग की दुनिया में कमाल माना जाता है।
एरिजोना का मरुस्थल शुरू हो चुका था। हमें एक छोटी ड्राइव के बाद पहुँचना था किंग्समन शहर और फिर बोल्डरसिटी म्युनिसिपल एयरपोर्ट जहाँ हक्बेरी जनरल स्टोर है यहाँ से बेटी ने और मैंने पत्थरों की बनी कुछ गिफ्ट खरीदी। महंगा स्टोर था पर कुछ यादगारी तो लेनी ही थी सो ले ली। यहाँ से हेलीकॉप्टर से जाना था। हम थोड़ा विलम्ब से पहुँचे थे इन्तजार करना पड़ा और तब तक भूख ने भी आक्रमण कर ही दिया था पर शाकाहारी मैं, तिवारीजी और बेटी।
कुछ हमारे मालवा जैसा चटपटा कचोरी समोसा तो मिलना नहीं था। बेटे दामाद ने आमलेट लिया और हमने बनाना ब्रेड और फल। मुझे मूँगफली और पकौड़े याद आये तो हँसी आ गई, पति देव ने पूछा, कचौरी को याद कर रही हो? तो निकालो न इन्दौरी सूखी कचोरी? भूल गई लाना। हेलीकॉप्टर में खिड़की मुझे मिली, पहला अनुभव था हेलीकॉप्टर का, हमें बेल्ट लगाना था उसी में लगा था हेडफोन, उड़ चले थे एक नए अनुभव की ओर।
पहले आया हरा-हरा सा दिखता बोल्डर सिटी फिर पिच-स्प्रिंग और फिर ग्रैंड कैन्यन जहाँ कोलोराडो नदी और उसकी सहायक नदियों ने एक अनोखा लैंडस्केप रचा था। बेहद रुखे क्षेत्र में कहीं-कहीं कुछ कंटीली झाड़ियाँ दिखाई दे रही थीं, पर मरुस्थल का विस्तार तो रुखा और सुखा ही था, अगर हम हवाई मार्ग की जगह सड़क मार्ग से जाते तो किंगस्मन से स्ट्रेट रोड 66 से 174 मील चलना पड़ता, पर तपती गर्म मरुभूमि का वीराना जिस पर परदेस। हवाई मार्ग ही ठीक लगा रेतीले पथरीले निर्जन-वीराने का एक अलग ही सम्मोहन महसूस हो रहा था।
हमारा हेलीकॉप्टर पैचस्प्रिंग मे घूम रहा था चालक ने बताया कहीं-कहीं पहाड़ों के बीच बस्ती भी है कैन्यन की गुफाओं और कुटिया जैसे घरों में अमेरिका के मूल वासी इतिहास काल से निवास करते हैं। मैं देख रही थी धरती की अरबों साल की भौगोलिक यात्रा 450 किलोमीटर लम्बी और 1,800 मीटर से भी ज्यादा खड़ी गहराई। चट्टानों पर पानी की धार के निशान साफ दिखाई दे रहे थे। कोलोराडो नदी तुम पुरातन काल से यहाँ अपनी उपस्थिति के प्रमाण बना रही हो, चट्टानों से लड़ रही हो, आखिर क्यों?
ग्रैंड कैन्यन घाटी संयुक्त राज्य अमेरिका के एरिजोना राज्य से होकर बहने वाली कोलोराडो नदी की धारा से बनी तंग घाटी है। यह घाटी अधिकांशत: ग्रैंड कैन्यन नेशनल पार्क से घिरी है जो अमेरिका के सबसे पहले राष्ट्रीय उद्यानों में से एक था। इस स्थान पर पहुँचने वाले पहले यूरोपीय यात्री स्पेन के गार्सिया लोपेज दि गार्सेनाज थे जो यहाँ 1540 में पहुँचे थे।
नए परीक्षणों के बाद भू-विशेषज्ञों का कहना है कि कोलोराडो बेसिन एक करोड़ सत्तर लाख वर्ष पूर्व बना था। साल 2008 में इस नई खोज को प्रकाशित किया गया था जो घाटी से मिले कैल्साइट की यूरेनियम जाँच के बाद प्रकाश में आया था। हालांकि बाद में इस खोज पर विवाद भी हुआ था।
तकरीबन 20 करोड़ वर्ष पूर्व कोलोराडो नदी और उसकी सहायक नदियों ने इस क्षेत्र को परत-दर-परत काटा था और कोलोराडो पठार ऊपर उठता गया था। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति थियोडोर रूजवेल्ट ने पिछली शताब्दी के आरम्भ में ग्रैंड कैन्यन पार्क को राष्ट्रीय सम्पत्ति घोषित किया था। आज यह कई प्राणियों को संरक्षण देता है। कोलोराडो नदी में भी पर्यटक कई तरह के जल-क्रीड़ा का आनन्द भी उठाते हैं।
इस विशालकाय घाटी को देखने के लिये पर्यटकों को हवाई जहाज की सुविधा भी मिलती है। एक विशाल प्राकृतिक अजूबे के साथ ही ग्रैंड कैन्यन अमेरिका के सबसे बड़े पर्यटक केन्द्रों में से एक है। ग्रैंडव्यू पॉइंट से ग्रैंड कैन्यन और ब्लू आवर, ग्रैंड कैन्यन का आलौकिक दृश्य, सामने दूर तक अनन्त विस्तार लिये पहाड़ों में अनेकानेक खाइयों से तराशी पत्थरों के अलग-अलग लाल-भूरे, धूसर-मटमैले, शाहबलूती-सुनहरे रंगों की कलाकृतियाँ दो बिलियन सालों का धरती के विकास का भूगर्भीय प्रमाण बिखरा पड़ा था।
सालों साल हुई धरती की कोख में ज्वालामुखीय हलचल का एक अमूल्य दस्तावेज। जहाँ आग्नेय चट्टानें पठारों के रूप में ऊपर उठती गईं। आश्चर्य होता है कि कोलोराडो नदी की मंद-मंथर गति भी पत्थरों को इस तरह काट अपने अस्तित्व का संघर्ष कर रही है।
पल्लवी मेरा हाथ खींचती नदी के किनारे ले गई फोटो खींचने। फोटो तो मैंने पत्थरों, कंटीली झाड़ियों कैक्टस सब के लिये। मुख्य खाई घोड़े की नाल के आकार की है। गाइड ने कहा यह अंग्रेजी अक्षर C का आकार है मुझे शिवलिंग सा लगता है आस्तिक होने के ही फायदे हैं ये। मैं नमन कर लेती हूँ शिवलिंग हो न हो प्रकृति का कृतित्व तो है ही। सामने के ये पठार विष्णु टेम्पल कहलाते हैं अपने आकार प्रकार से। भूख तेज लग आई है। लंच शाकाहारी लिखवाया था पर मांसाहारी निकला बियर, आइसक्रीम और बनाना से काम चलाना पड़ा।
नैसर्गिक सौन्दर्य का रोमांचक अनुभव जिसमें पानी इन्द्रधनुष दिखाई देता है। समय हो गया वापस चलने का हेलीकॉप्टर चालक अब मित्र बन गए। खूब फोटो खींचने के बाद फिर उड़ान वीराने से सघन मानवीय आबादी वाले लॉस वेगास। प्लान बनता है क्यों ना कल आधा दिन स्काय वॉक भी कर लें। तुम हमेशा याद रहोगी। मैं हेलीकॉप्टर में आने के पहले दोनों हाथ ऊपर करती हूँ पिता को आवाज लगाती हूँ, देखो पापा, आज मैंने अजूबा देख लिया :
‘देखी मैंने एक नदी, गाती रीति रेत हुई
मरुस्थली चट्टानों से वह खूब लड़ी
बढ़ती चली, बहती गई, बाँधी गई, साधी गई,
फिर भी वह न ठहर सकी
झुकी नहीं, टूटी नहीं, मुड़-मुड़कर वह निकल चली।’
डॉ. स्वाति तिवारी
ई-एन 1/9, चार इमली,
भोपाल-462016
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