एक पानी जो बरसै स्वाती

Submitted by Hindi on Wed, 03/17/2010 - 15:00
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घाघ और भड्डरी

एक पानी जो बरसै स्वाती।
कुनबिन पहिरै सोने के पाती।।


भावार्थ – यदि स्वाती नक्षत्र में एक बार वर्षा हो जाये तो निःसंदेह किसान की स्त्री सोने का पत्तर अर्थात् हाथ में पहनने का जहाँगीरी नामक गहने पहनेगी क्योंकि फसल अच्छी होगी।