वाष्पमुखः
ज्वालामुखी क्षेत्रों में एक विवर (छिद्र) जिसमें से भाप, गरम गैस तथा वाष्प या धुआँ जोर से या हल्के-हल्के निकलता रहता है।
- भूपर्पटी में वह छिद्र, जिससे वाष्प एवं गैसें, जैसे-कार्बन डाइऑक्साइड आदि, दाब के कारण निकलती है। यह प्रायः ज्वालामुखी प्रदेश में पाया जाता है। भूमिगत वाष्प वास्तव में सतह के नीचे मैग्मा से उत्पन्न होती है विशेष तौर पर उस समय जबकि ज्वालामुखी उद्गार होने बंद हो जाते हैं।
ज्वालामुखी पर उपस्थित छोटा सा छिद्र जिससे मुख्यतः गैस उत्पन्न होती है।