पूर्व शर्तें: :
शौचालय बना रहे ग्रामीणों को सफाई के सामान को सही जगह पर लाने जैसी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था।
परिवर्तन की प्रकिया: :
वीडबल्यूएससी तथा डबल्यूडीसी के सदस्यों ने गांव में शौचालय निर्माण करते समय गांव में सही स्थान पर शौचालय निर्माण से संबंधित सामान को पहुंचाने की जरूरत का मूल्यांकन किया। इसके लिए महिलाओं ने जनमत द्वारा निर्णय किया कि महिलाओं का ए क एसएचजी ग्रामीण स्वच्छता दुकान खोलेगा (आरएसएम)। इसके बाद बहुत से एसएचजी सक्रिय हो गए और वे भी आरएसएम खोलने के प्रति जोश दिखाने लगे। उन्होंने एसएचजी के बीच एक प्रतिस्पर्धा की घोषणा कर दी। प्रतिस्पर्धा की शर्तें अलग अलग थी1 जैसे सभी सदस्यों के घरों में शौचालय होने चाहिए, सभी को साबुन और करछुली का उपयोग करना चाहिए, सभी के घर और पिछवाड़ा स्वच्छ होने चाहिए इत्यादि। प्रत्येक एसएचजी द्वारा अर्जित किए गए अंक जनता के समक्ष प्रदर्शित किए गए और डबल्यूडीसी की सभा में इनके मूल्यांकन की प्रक्रिया के बारे में वर्णन किया गया। इसमें प्रयुक्त पारदर्शिता और स्पष्ट बोली से महिलाओं और ग्रामीणों का दिल जीत लिया। द्रियानेश्वरी एसएचजी ने यह प्रतिस्पर्धा जीत ली। द्रियानेश्वरी एसएचजी द्वारा संचालित आरएसएम ग्राम स्तर पर शौचालय निर्माण का जरूरी सामान उपलब्ध कराता है जैसे शौचालय निर्माण सामग्री, साबुन और करछुली इत्यादि। इसके अलावा वीडबल्यूडीसी के साथ परामर्श कर यह समूह गांव की विभिन्न बस्तियों में स्वच्छता से संबंधित गतिविधियों पर सामूहिक चर्चाएं भी करता है। यह गतिविधि सफाई अभियान में भाग लेने के लिए दूसरे गांवों को प्रेरित करने सहायक रही है।
समस्याएं एवं उनके उपाय: :
सही और आसानी से पहुंचाए जा सकने वाले स्थान पर शौचालय निर्माण और सफाई के अन्य सामान का मूल्यांकन करने में ग्रामीणों को कठिनाईयां आ रही थीं। एसएचजी द्वारा संचालित आरएसएम ने इन दोनों कठिनाईयों का हल कर दिया। इसने न केवल सही जगह पर सामान पहुंचाया बल्कि गांव के अंदर भी सामान पहुंचाया। एसचजी ने इस कार्य को आय सृजन की एक गतिविधि में भी बदल दिया।
जलापूर्ति एवं स्वच्छता विभाग, महाराष्ट्र सरकार