जेंडर वाटर एंड इक्विटी ट्रेनिंग
राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक परिदृष्य में तेजी से होने वाले बदलावों के चलते पानी राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और स्थानीय विवाद का मुद्दा बन गया है। उदारीकरण और भूमंडलीकरण की प्रक्रिया, बढ़ती गरीबी, असमानता, जलवायु परिवर्तन आदि सभी एक दूसरे से जुड़े हुए मुद्दे है इसलिए ऐसे में लैंगिक संबंधों पानी और समानता को समझना निहायत ही जरूरी हो गया है।हालांकि जल प्रबंधन और शालन में महिलां की भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए 1970 से ही विभिन्न सम्मेलनों में आवाज उठाई गई है। यहां तक कि सामुदायिक जल प्रबंधन की विभिन्न संस्थाओं में आरक्षण आदि के माध्यम् से उनकी भूमिका को सशक्त करने की कोशिश की गई है फिर भी यह विषय काफी चुनौतीपूर्ण है।प्रस्तावित प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से पानी और लैंगिक समानता पर समझ बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा।
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नामांकन की अंतिम तिथि-30 अगस्त 2009
This training-workshop on Gender, Water and Equity is the third in a series for researchers, policy makers, development practitioners, academics, and activists from the South Asian region as part of the Crossing Boundaries project of SaciWATERs. The project focuses on regional capacity building on Integrated Water Resources Management (IWRM) and Gender of the South Asian countries.
This training- workshop is hosted by Tata Institute of Social Sciences (TISS), Mumbai, India together with SaciWATERs, the Society for Promoting Participative Ecosystem Management (SOPPECOM), Pune, and the Gender and Water Alliance (GWA). The programme seeks to raise participants’ awareness on key gender,water and equity issues in South Asia and the challenges in mainstreaming a gender equity perspective inwater policy and practice through interactive sessions, case study analysis, small group discussions and field exposure.