पानी का मुद्दा इतना संवेदनशील और गहरा है कि इसे जितना जानते हैं लगता है कि कम जानते है. ऐसे गंभीर विषय पर चर्चा और अपने अनुभवों का खुलासा करने के लिए हम आपका हार्दिक धन्यवाद करते हैं और साथ ही उम्मीद भी करते हैं कि आप इस पोर्टल को अपना ही समझकर निरंतर सहयोग करते रहेंगे क्योंकि पोर्टल किसी एक का नहीं, आप सभी का है। -रोहिणी निलेकणी
पोर्टल के उद्घाटन समारोह में मीनाक्षी अरोड़ा ने मंच का संचालन करते हुए जल संसाधन राज्य मंत्री श्री जयप्रकाश नारायण यादव, सुश्री रोहिणी निलेकणी, चेयरपर्सन-प्रथम बुक्स और अर्घ्यम्, का मंच पर आवाहन करते हुए कार्यक्रम की शुरुआत की।
इस अवसर पर मंत्री जी ने कहा, 'हमें किसी भी कीमत पर भूमिगत जल की प्रदूषण से रक्षा करनी चाहिए। भूमिगत जल के स्तर में सुधार के लिए तालाबों आदि का पुनरुद्धार महत्वपूर्ण है।' उन्होंने जल संग्रहण ढांचों के पुनरूद्धार की आवश्यकता की ओर ध्यान आकर्षित किया। साथ ही रोहिणी जी और हिंदी पोर्टल में सहयोग करने वाले सभी लोगों को बधाई देते हुए इस कार्य में सहयोग देने का भी वादा किया।
सुश्री रोहिणी निलेकणी ने मेहमानों का स्वागत किया और पानी के बारे में जानकारी और ज्ञान के प्रसार में पोर्टल की उपयोगिता को बताया। उन्होंने यह आशा भी जताई कि यदि सबका सहयोग मिले तो पोर्टल अच्छे जल प्रबंधन में मदद कर सकता हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण और छोटे शहरी क्षेत्रों में मोबाइल फोन की तरह इंटरनेट की भी तेजी से वृद्धि होगी और इस पोर्टल की उपयोगिता को महसूस किया जा सकता है।
सुश्री मीनाक्षी अरोड़ा ने हिंदी पोर्टल के बारे में विस्तार से प्रस्तुति दी कि कैसे पाठक अपने लिए उपयोगी सामग्री का चयन कर सकते हैं।
इसके बाद पानी के महा योद्धा अनुपम मिश्र ने प्रथम सत्र का समापन किया और विकास के मॉडल के मूल्यांकन के बारे में बात की। उन्होंने कहा, 'हमें रेलवे, सड़कों और आधुनिक प्रौद्योगिकियों की जरूरत है, लेकिन इस प्रक्रिया में हमें देखना चाहिए कि हम अपने पर्यावरण, सामाजिक प्रणाली और समुदायों का अपमान न करें।'
द्वितीय सत्र विशेष रुप से पत्रकार साथियों के लिए रखा गया जिसमें सभी ने कईं महत्वपूर्ण सवाल उठाए। दोपहर बाद के सत्र में इंडिया वाटर पोर्टल हिंदी के शिराज केसर ने विभिन्न सीएमएस पर वेबसाइट बनाने पर विस्तार से एक प्रस्तुति दी इस सत्र में कईं लोगों ने सवाल-जवाब करके महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की।
पीपुल्स विज्ञान संस्थान के मनोज शर्मा ने बताया कि उनके सोफ्टवेयर को विलेज इंफॉरमेशन सिस्टम कहा जाता है इस पद्धति से राज्य के प्रत्येक गाँव की कृषि, विद्यालयों, जनसंख्या, जल स्रोतों आदि की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।.
एसएमएस वन से रवि घाटे ने रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए ग्रामीण लोगों को एसएमएस प्रयोग से जोड़ने के अपने अभिनव कार्य का प्रदर्शन किया। इस पूरे विचार के पीछे मुख्य लक्ष्य था कि एक गाँव या गाँवों के समुदायों में स्थानीय समाचार और जानकारी के स्रोत के रुप में स्थानीय एसएमएस समुदाय का निर्माण किया जाए। कानपुर में पुलिस द्वारा दंगों के बाद स्थिति पर काबू पाने और शान्ति बहाली के लिए इस सेवा का इस्तेमाल किया जा रहा है।.
यूएन सोल्यूशन एक्सचेंज से आए राजेन वरदा ने भी एसएमएस के प्रयोग पर ही प्रस्तुति दी। यूएन सोल्यूशन एक्सचेंज ने आपदा प्रबंधन के लिए एसएमएस सेवा शुरु की है, इसका इस्तेमाल बिहार-बाढ़ प्रबंधन के लिए सफलतापूर्वक किया गया है। यह ऑपन सोर्स एसएमएस कोड कोई भी निःशुल्क डाउनलोड कर सकता है।
जलधारा अभियान से आए उपेन्द्र शंकर ने मरणासन्न द्रव्यवती नदी के पुनर्जीवन के लिए किए गए प्रयासों पर एक प्रस्तुति दी, तत्पश्चात वाराणसी के वरुणा जिए अभियान से व्योमेश चित्रवंशी ने वरुणा नदी के प्रदूषण के बारे में बताया। धन्यवाद और सबके सहयोग की अपील के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।