हँसुआ ठाकुर खँसुआ चोर

Submitted by Hindi on Thu, 03/25/2010 - 12:18
Author
घाघ और भड्डरी

हँसुआ ठाकुर खँसुआ चोर।
इन्हैं ससुरवन गहिरे बोर।।


भावार्थ- हँस कर बात करने वाले ठाकुर और खाँसी आने वाले चोर इन ससुरों को गहरे पानी में डुबो देना चाहिए।