प्रमुख संवाददाता /नवभारतचंडीगढ़। हरियाणा में गिरते भूजल स्तर को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार भूमिगत जल संरक्षण अधिनियम बनाने पर विचार कर रही है। ऐक्ट बनते ही राज्य में भूजल स्तर सुधरने में मदद मिलेगी। फिलहाल दक्षिण हरियाणा में वॉटर लेवल एक हजार फुट से ज्यादा गहराई पर जा चुका है।
हरियाणा सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि भूजल संरक्षण अधिनियम का अध्यादेश जारी किया जाएगा। इसके जारी होने के बाद कोई भी किसान राज्य में 10 मई से पहले धान की रोपाई नहीं कर सकेगा। अगेती धान के लिए सिंचाई की ज्यादा जरूरत होती है, जिससे वॉटर लेवल नीचे जाता है।
कृषि विभाग ने राज्य में वॉटर लेवल सुधारने के लिए जल संरक्षण और वॉटर रिचार्जिन्ग योजना शुरू की है। अब तक 390 रिचार्जिन्ग संरचनाओं का निर्माण किया जा चुका है। सरकार ने सरकारी भवनों, हूडा और नगर निकाय सीमा में बनाए जाने वाले 100 वर्ग मीटर या उससे ज्यादा एरिया वाले मकानों पर बारिश के पानी का संरक्षण ढांचा बनाना जरूरी कर रखा है। राज्य के सभी सरकारी भवनों में टॉइलट में फ्लश टैंक घटाकर 8 लीटर का कर दिया गया है।
हरियाणा सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि भूजल संरक्षण अधिनियम का अध्यादेश जारी किया जाएगा। इसके जारी होने के बाद कोई भी किसान राज्य में 10 मई से पहले धान की रोपाई नहीं कर सकेगा। अगेती धान के लिए सिंचाई की ज्यादा जरूरत होती है, जिससे वॉटर लेवल नीचे जाता है।
कृषि विभाग ने राज्य में वॉटर लेवल सुधारने के लिए जल संरक्षण और वॉटर रिचार्जिन्ग योजना शुरू की है। अब तक 390 रिचार्जिन्ग संरचनाओं का निर्माण किया जा चुका है। सरकार ने सरकारी भवनों, हूडा और नगर निकाय सीमा में बनाए जाने वाले 100 वर्ग मीटर या उससे ज्यादा एरिया वाले मकानों पर बारिश के पानी का संरक्षण ढांचा बनाना जरूरी कर रखा है। राज्य के सभी सरकारी भवनों में टॉइलट में फ्लश टैंक घटाकर 8 लीटर का कर दिया गया है।