पानी इंसान के जीवन की प्रमुख आवश्यकताओं में से एक है, लेकिन देश के 60 करोड़ लोग जल संकट का सामना कर रहे हैं। आजादी के 72 साल बाद भी करोड़ों परिवारों के घरों में पानी का नल नहीं लग सका है। इसमें विश्व की अध्यात्मिक नगरी और गंगा नदी के तट पर बसा हरिद्वार भी शामिल है, जहां 2 लाख 20 हजार परिवारों के घरों में पानी का नल नहीं है। हालांकि, पानी का नल होना समस्या नहीं है, क्योंकि भारत प्रारंभ से ही पानीदार देश रहा है और नदी, झील, तालाब, पोखर, कुएं, बावड़ियां व विभिन्न जलस्रोत हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग रहे हैं। इन्हीं पर लोग पानी के लिए निर्भर थे, जो प्रकृति के संतुलन को भी बनाए रखता था, लेकिन अब ये सूखते जा रहे हैं। इसलिए समस्या इन सूखते जल निकायों से है, तो वहीं जल प्रदूषण इस समस्या को बढ़ा रहा है। हरिद्वार के ये परिवार भी पानी की जरूरतों के लिए हैंड़पंप या अन्य जलस्रोतों पर ही निर्भर हैं।
ऐसा नहीं है कि सरकार को इन लोगों की परवाह नहीं है। हर घर तक पानी का नल पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने ‘जल जीवन मिशन’ की शुरुआत की थी। योजना के अंतर्गत देश के हर घर को नल से जल देने का इसमें लक्ष्य रखा गया है। कई इलाकों में काम भी शुरु कर दिया गया है, लेकिन काम की गति काफी धीमी है और कार्य सरकार की घोषणाओं और भाषणों से बिल्कुल अलग है। एक तरह से योजना अभी तक धरातल पर ठीक प्रकार से उतर नहीं पाई है। परिणामतः कई स्थानों पर पानी के लिए जनता को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। लाॅकडाउन के दौरान, जब कोरोना वायरस के संक्रमण को कम करने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग अपनाने की अपील की जा रही है, तब ये समस्या और बढ़ जाती है। ऐसे में पर्याप्त स्वच्छता बनाए रखने से लेकर पानी की विभिन्न आवश्यतओं की पूर्ति के लिए लोग पानी लेने के लिए घर के बाहर हैंडपंपों या अन्य जलस्रोतों पर जाते हैं। जिस कारण हमेशा संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है। इसी समस्या का सामना हरिद्वार के 2 लाख 20 हजार परिवारों को करना पड़ रहा है। एक तरह से हर घर जल पहुंचाने की योजना अभी तक हरिद्वार में धरातल पर नहीं उतर पाई है।
हरिद्वार के जिलाधिकारी एस रविशंकर ने बताया कि पेयजल निगम, जल संस्थान और स्वजल के अधिकारियों के साथ बैठक कर तय किया गया है कि 2021 तक पहले चरण में जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले ऐसे 52 हजार परिवारों के घरों तक पानी पहुंचाया जाएगा, जहां अभी पानी का नल नहीं है। जबकि अलगे साल एक लाख और बाकी शेष बचे परिवारों को तीसरे साल पानी का कनेक्शन दिया जाएगा। इसके अलावा हरिद्वार के मुखिया गली जैसे कई इलाकों में लाॅकडाउन के दौरान लंबे समय से जल संकट बना हुआ है। टैंकरों से पानी मंगवाकर लोगों अपनी जरूरतों को पूरा कर रहे हैं। रुड़की में भी लाॅकडाउन के दौरान लोगों को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है।
हिमांशु भट्ट (8057170025)