इंडिया एन्वायर्नमेंटल पोर्टल के बारे में
इंडिया एन्वायर्नमेंट नामक यह पोर्टल, सेंटर फ़ॉर साइंस एण्ड एन्वायर्नमेंट (CSE) द्वारा चलाया और प्रबन्धित किया जाता है, जो कि सरकार के राष्ट्रीय ज्ञान आयोग (NKC) द्वारा प्रायोजित और संचालित है।
राष्ट्रीय ज्ञान आयोग के बारे में…
राष्ट्रीय ज्ञान आयोग (NKC) की स्थापना प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा सन 2005 में की गई, यह आयोग एक प्रकार की उच्च स्तरीय सलाहकार समिति है जिसका मुख्य उद्देश्य भारत को एक ज्ञान आधारित एक जीवंत समाज बनाना है। इस महती कार्य हेतु आयोग द्वारा इस प्रकार के कई 'ज्ञान पोर्टल्स' बनाने हेतु समर्थन दिया जायेगा, ऐसे पोर्टल जो उपयोगी डाटा, सूचनाओं और अनुसंधान के क्षेत्र में प्रमुख भूमिका अदा कर सकें।
CSE के बारे में…
सेंटर फ़ॉर साइंस एण्ड एन्वायर्नमेंट (CSE) एक स्वतन्त्र और जनहित के लिये समर्पित संगठन है, जो सूचनाओं और ज्ञान का उपयोग अपनी सक्रियता और गतिविधियों के लिये करता है। इस सेंटर की स्थापना सन 1980 में प्रसिद्ध पर्यावरणवादी अनिल अग्रवाल द्वारा की गई थी, ताकि देश में पर्यावरण प्रबन्ध हेतु बहस की जा सके और कार्यक्षमता का विस्तार किया जा सके। इस सेंटर का विश्वास है कि देश में पर्यावरण सम्बन्धी बदलावों के लिये इससे निश्चित रूप से अन्तर पड़ेगा।
इंडिया एन्वायर्नमेंट पोर्टल की आवश्यकता…
आज का युग पर्यावरण चेतना का युग है। हमारे जनजीवन को प्रभावित करने वाली जीवनशैली और नीतियों को लागू करने के लिये हमें सूचनाओं से लैस होना आवश्यक है, सूचनायें जो आसानी से उपलब्ध हों, उन्हें आसानी से समझा और उपयोग किया जा सके। हमारा प्रयास है कि इस एन्वायर्नमेंट पोर्टल के जरिये पाठक को पर्यावरण और विकास सम्बन्धी तमाम आँकड़े और जानकारियाँ एक ही जगह और एक क्लिक में उपलब्ध हों। इसकी नीति यह होगी कि एक बड़ा लेकिन खुला नेटवर्क और सूचना आधारित सोसायटी तैयार की जाये जो इस ज्ञान का उपयोग परिवर्तन लाने में कर सके, लेकिन 'परिवर्तन' लाने के लिये हमें खुद भी बदलना होगा, इस कारण इंडिया एन्वायर्नमेंट पोर्टल बनाया गया है, जो कि एक खुला मंच होगा (ओपन सोर्स प्लेटफ़ॉर्म), जहाँ सूचनायें और आँकड़े CSE के होंगे, ताकि यह सामग्री सभी पाठकों, लेखकों और मुक्त पत्रकारों के लिये सुलभ रूप से उपलब्ध हो। इस पोर्टल पर पर्यावरण से सम्बन्धित तमाम सरकारी दस्तावेज़ भी उपलब्ध करवाने की कोशिश की जायेगी, ताकि नीतियों के सम्बन्ध में जनता को भी पता चले और उनकी सुनवाई ठीक तरह से हो सके, तथा जागरूकता बढ़े। इस पोर्टल के जरिये सरकारी विभागों, शोधार्थियों, पर्यावरण के लिये काम कर रहे अन्य संस्थानों को जोड़ा जायेगा और सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि इसमें उपलब्ध सूचनायें ऐसी होंगी, जो रोज़मर्रा के जीवन में उपयोगी और महत्वपूर्ण हों।
बिखरी हुई हैं सूचनाएं…
जैसा कि हम जानते हैं, पर्यावरण से सम्बन्धित सूचनाएं बड़ी मात्रा में उपलब्ध हैं। काफ़ी सारे आँकड़े और तथ्य, जो शोध संस्थानों, शासकीय उपक्रमों, गैर-सरकारी संगठनों, मीडिया, विशेषज्ञों और अन्य लोगों द्वारा एकत्रित की गई हैं, लेकिन यह सारी जानकारियाँ इधर-उधर बिखरी पड़ी है और इन्हें इकठ्ठा करके उपयोग हेतु बनाना भारी मशक्कत का काम है। इस पोर्टल में 'ग्रीन डायरेक्टरी' नामक स्थान पर पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाली संस्थाओं की जानकारी होगी और इन संस्थाओं की वेबसाईटों और विभिन्न लिंक का उल्लेख किया गया है। हम उम्मीद करते हैं कि यह संस्थाएं भी इस पोर्टल के साथ आपसी सहयोग बनाकर सूचनाओं का आदान-प्रदान करेंगे, ताकि विभिन्न मुद्दों को मजबूती से उठाया जा सके और हल किया जा सके।
बदलाव हेतु 'नेटवर्किंग'
इंडिया एन्वायर्नमेंट पोर्टल जनसामान्य का पोर्टल है। यह पोर्टल, सूचनाओं को एकत्र करेगा, उनका आपस में वितरण और विनिमय करेगा, खासकर उन लोगों के लिये जो पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले, जन-अभियानों में लगे सामाजिक कार्यकर्ताओं, वैज्ञानिक संस्थानों और शोध करने वालों के लिये बेहद उपयोगी सिद्ध होगी।
त्वरित सूचनाएं प्राप्त करने हेतु 'टैगिंग' की व्यवस्था -
इंडिया एन्वायर्नमेंट पोर्टल की प्रमुख विशेषता यह है कि इसमें एक अद्वितीय और बना-बनाया शब्दकोश उपलब्ध है, जिसमें पर्यावरण और भौगोलिक दृष्टि से सम्बन्धित शब्दों का भण्डार है। प्रत्येक विषय को वर्गीकृत और उन्हें फ़िर से उप-वर्गीकृत किया गया है। सभी सूचनाओं और आँकड़ों को पर्यावरणीय शब्दों के सन्दर्भों सहित एक व्यापक शब्दकोश में एकत्रित किया गया है। ऑनलाइन शब्दकोश और विषय सूची की मदद से संसाधनों की खोज अधिक सटीक और प्रासंगिक तरीके से हो सकती है। साईट पर की-वर्ड के जरिये पर्यावरण सम्बन्धित विषयों, भौगोलिक स्थितियों और विभिन्न संस्थाओं, सरकारी विभागों, NGO, औद्योगिक इकाईयों और व्यक्तियों का एक विशाल डाटाबेस उपलब्ध है, जिससे उपयोगकर्ताओं को इस क्षेत्र में कार्य कर रहे अन्य व्यक्तियों से सम्पर्क आसानी हो सकेगा।
गहन जानकारी भी
सीएसई चाहती है कि समस्त जानकारी विभिन्न टुकड़ों के रूप में न मिलें, बल्कि नवीनतम घटनाओं, संसाधनों और नीतियों के बारे में महत्वपूर्ण सूचनाएं आसानी से प्राप्त हो सकें। इस पोर्टल पर घटनाओं और समाचारों की विस्तृत जानकारी है, जो कि शोध सामग्री के विश्लेषण और किसी खास विषय, जैसे पर्यावरण परिवर्तन, खनन, वन और जल प्रबन्धन, बुरे पर्यावरण के प्रभाव आदि पर गहराई से उपयोगी जानकारी देता है।
सेंटर फ़ॉर साइंस एण्ड एन्वायर्नमेंट की योजनाएं
पोर्टल के विस्तार की योजना के पहले चरण में सेंटर फ़ॉर साइंस एण्ड एन्वायर्नमेंट के विशाल सूचना संसाधन आम जनता के लिये उपलब्ध करवाये जायेंगे। इस डाटा में पाक्षिक प्रकाशित होने वाली 'डाउन टू अर्थ' नामक प्रसिद्ध पर्यावरण पत्रिका के 40,000 से अधिक शोध लेख मिलेंगे। यह गहरे शोध वाले लेख शुरुआत में पत्रिका के नियमित ग्राहकों को ही उपलब्ध करवाये जायेंगे। आने वाले महीनों में हम अन्य संस्थाओं और विभिन्न नेटवर्क और लिंक की सहायता से जानकारी उपलब्ध करवायेंगे। इस पोर्टल पर CSE द्वारा प्रकाशित, वर्गीकृत और एकत्रित किये गये, अखबारों के समाचार, पत्रिकाओं के लेख, पुस्तकें और दस्तावेज़ लगातार दिये जायेंगे। CSE द्वारा प्रतिदिन देश के चुनिंदा 50 अखबारों की खबरों को रोज़ाना देखता है और पर्यावरण से सम्बन्धित समाचारों को संकलित करता है। इसी प्रकार CSE 1000 साइंस जर्नल, ई-दस्तावेज़ और विषय से सम्बन्धित किताबों को भी संकलित करता है। रोज़ाना 400 से अधिक नये संसाधन जोड़े जाते हैं, जो कि समय-समय पर नीति-निर्माताओं और विश्लेषकों की मदद करते हैं। वर्तमान में पोर्टल पर इस प्रकार के 30,000 से अधिक दस्तावेज मौजूद हैं।