जल संबंधी तकनीकी शब्दावली

Submitted by admin on Thu, 01/20/2011 - 12:31
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केन्द्रीय मृदा एवं सामग्री अनुसंधानशाला
केन्द्रीय मृदा एवं सामग्री अनुसंधानशाला जल संसाधन मंत्रालय का एक सम्बद्ध कार्यालय है। इसे मुख्य रूप से राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर नदी घाटी परियोजनाओं के निर्माण से संबंधित भू-तकनीकी अभियांत्रिकी एवं निर्माण सामग्री के आधारभूत तथा अनुसंधान समस्याओं के संबंध में कार्य करने वाले एक प्रमुख संस्थान के रूप में जाना जाता है । अनुसंधानशाला में उच्च प्रशिक्षण प्राप्त इंजीनियर तथा वैज्ञानिक हैं जो अनुसंधानशाला का उत्तरोत्तर विकास करने में जुटे हुए हैं ।

अनुसंधानशाला अपने चहुमुखी विकास के लिए राजभाषा हिन्दी को प्रारम्भ से ही अपना आधार स्तम्भ माने हुए है । यद्यपि वर्तमान समय में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी विषयों में अंग्रेजी की अनदेखी नहीं की जा सकती तथापि राष्ट्रीय स्तर पर, तकनीकी विषयों में राजभाषा हिन्दी अथवा देवनागरी लिपि का प्रयोग करना कठिन नहीं है । अनुसंधानशाला के वैज्ञानिकों तथा अभियंताओं ने तकनीकी विषयों पर हिन्दी का प्रयोग करते समय कुछ व्यवहारिक कठिनाइयों का अनुभव किया ।

अंग्रेजी भाषा के कुछ साधारण शब्द कभी-कभी किसी विशेष तकनीकी संदर्भ में प्रयोग किए जाते हैं । ठीक अर्थ जाने बिना उनके पर्याय का प्रयोग कभी-कभी अर्थ का अनर्थ कर देता है। उदाहरण के तौर पर शब्द Head का अर्थ मानक शब्दावलियों/ कोषों में सर/मस्तिष्क/प्रमुख/मुखिया आदि मिलता है, किन्तु जहां लेखाकर्मी लेखाशीर्ष् को Head of account कहते हैं, प्रशासनिक हलकों में Head of office कार्यालय प्रमुख को कहा जाता है किंतु सिविल अभियंता जल-दाबोच्चता को Head of water कहते हैं । इस प्रकार की कठिनाइयों को दूर करने के लिए अनुसंधानशाला में प्रयुक्त होने वाले शब्दों की एक तकनीकी शब्दावली तैयार की गई जिसका प्रथम संस्करण वर्ष 1991 में प्रकाशित किया गया। अब केन्द्रीय मृदा एवं सामग्री अनुसंधानशाला के हिन्दी अनुभाग द्वारा इस तकनीकी शब्दावली का संशोधित संस्करण तैयार किया गया है जिसमें अनेक शब्द जोड़े गए हैं । आशा करता हूं कि इस शब्दावली के सार्थक उपयोग से राजभाषा हिन्दी के उत्तरोत्तर प्रयोग की दिशा में हमारे प्रयासों को सफलता मिलेगी तथा अनुसंधानशाला के सभी अधिकारी अपना कार्य हिन्दी में करने में समर्थ हो सकेंगे ।

अंत में मैं इस प्रयास के लिए संपादक मंडल तथा इससे जुड़े कार्मिकों को बधाई देता हूँ।

डॉ.ए.के.धवननिदेशक,
के.मृ.सा.अनु.शाला