एक प्रकार का जलोढ़ पंख जिसका ढाल अधिक तीव्र तथा आकृति शंकु के समान होती है। जब पर्वतीय ढाल अधिक होता है और मलवा की मात्रा अधिक किन्तु प्रवाही जल की मात्रा अपेक्षाकृत् कम होती है। नदी जल के साथ प्रवाहित होने वाले पदार्थ (जलोढ़क) अधिक दूर तक नहीं फैल पाते हैं बल्कि सीमित क्षेत्र में ही संचित होते रहते हैं जिससे निक्षेप जनित भाग अपेक्षाकृत् अधिक ऊँचा तथा तीव्र ढाल वाला होता है। इसका निर्माण शैलखंडों, बजरी, रेत आदि के निक्षेप से होता है। जलोढ़ पंख की तुलना में इसकी ऊँचाई अधिक और विस्तार कम होता है।
अन्य स्रोतों से
वेबस्टर शब्दकोश ( Meaning With Webster's Online Dictionary )
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