झारखण्ड में गंगा को बनाएँगे प्रदूषण मुक्त

Submitted by RuralWater on Fri, 04/03/2015 - 11:47

.मुख्यमन्त्री श्री रघुवर दास ने गंगा एक्शन प्लान पर नई दिल्ली में आयोजित बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह झारखण्ड के लिए सौभाग्य का विषय है कि यहाँ के साहेबगंज के राजमहल से होकर गंगा गुजरती है, और गंगा को स्वच्छ बनाने में झारखण्ड को भी मौका मिला है यह मात्र सफाई का विषय नहीं है।

उन्होंने कहा कि गंगा एक्शन प्लान एक बड़ा प्रोजेक्ट है जिसमें काफी समय लग सकता है परन्तु झारखण्ड से होकर गुजरने वाली गंगा नदी की लम्बाई मात्र 83 किलोमीटर है जिसे आसानी से प्रदूषण मुक्त किया जा सकता है। साहेबगंज के राजमहल को मिलाकर कुल 74 गाँव गंगा नदी के किनारे बसे हैं। इन गाँवों के 15 नाले इसमें जाकर मिलते हैं। इन गाँवों में मात्र 10 प्रतिशत लोग शौचालय का इस्तेमाल करते हैं एवं 90 प्रतिशत लोग शौचालय के आभाव में खुले में शौच करते हैं, जो एक दुर्भाग्य का विषय है। गंगा की स्वच्छता के लिये यहाँ बड़े पैमाने पर शौचालय का निर्माण करना आवश्यक है।

प्रत्येक घर में शौचालय का निर्माण एवं सामुदायिक शौचालय का निर्माण अत्यावश्यक है। इसके अतिरिक्त सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट भी अत्यावश्यक है। राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार से इस हेतु 60 करोड़ रुपए की विशेष पैकेज की माँग की है।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि गंगा नदी के किनारे 9 फैक्टरी चाइना क्लेव वासरी के हैं। इनसे निकलने वाले प्रदूषित जल गंगा नदी में जाकर बहती है। राज्य सरकार इन फैक्टरियों से अनुरोध करेगी कि वे अपने संस्थानों में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाएँ और गंगा को प्रदूषित होने से बचाएँ।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि गंगा की सफाई के साथ-ही-साथ इसके किनारे के घाटों का विकास एवं सौन्दर्यीकरण भी आवश्यक है। इस हेतु उन्होंने भारत सरकार से गंगा रीवर फ्रंट ट्रीटमेंट हेतु 50 करोड़ रुपए की माँग की है। उन्होंने कहा कि इन घाटों के सौन्दर्यीकरण एवं रखरखाव के साथ गंगा की स्वच्छता को बरकरार रखने में मदद मिलेगी।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि गंगा एक्शन प्लान के तहत अनेक विभागों को मिलकर कार्य करने हैं। इन विभागों से राशि प्राप्त कर गंगा एक्शन प्लान को कार्यान्वित किया जाना है। नगर विकास विभाग, जल संसाधन विभाग, पेयजल एवं स्वच्छता जैसे अनेक विभागों को मिलकर गंगा एक्शन प्लान को सफल बनाना है।

इन विभागों से समन्वय स्थापित करते हुए कार्य के सम्पादन में अनावश्यक समय लग सकता है। बेहतर हो कि इनके लिये सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया जाय ताकि कार्य की सहमति एवं राशि एक ही स्थान से मिल सके।

बैठक में मुख्यमन्त्री ने कहा कि राज्य में तीन सौ किलोमीटर लम्बी दामोदर नदी हैं। यद्यपि यह राज्य में गंगा नदी में नहीं मिलती है अतः दामोदर नदी का भी अपना महत्व है। यह सर्वाधिक प्रदूषित नदियों में से एक है। दामोदर नदी के किनारे केन्द्र सरकार से समबद्ध अनेकों कोयला उत्खनन,कोल वासरी से जुड़े संस्थान हैं जो इसे प्रभावित कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार इन मन्त्रालयों की एक बैठक बुलाएँ ताकि इसका निदान निकाला जा सके।