झील की माटी अब खुश है

Submitted by Hindi on Fri, 07/15/2011 - 09:12
झील से काढ़ी जा रही माटी का मन
पहले भारी था
लेकिन ट्राली में लदी हुई
झील की माटी अब खुश है
कि वह खेत में
हरियाली बन कर लहरायेगी
सुनेगी अंकुरित होते बीजों का संगीत
और अपने सम्पूर्ण वात्सल्य से उन्हें वह दुलराएगी

फसलों के फूल से
महकेगा अब उसका हिया
हवा में जब बालियों के दाने बजेंगे
मारे खुशी के वह झूम जायेगी

खेतों की तरफ़ ले जायी जा रही
ट्राली में मगन बैठी हुई मिट्टी
खेत के स्वप्न में है!