कचरा दो पानी लो

Submitted by Hindi on Sat, 04/09/2016 - 11:51
Source
दोपहर का सामना, 08 अप्रैल 2016

. हर कोई मानता है कि जहाँ साफ-सफाई रहती है वहीं पर लक्ष्मी का वास होता है। इस बात को मानने के बावजूद स्वच्छता के महत्व को समझने की मानसिकता से लोग आज भी दूर हैं। यह वजह है देश में आज स्वच्छता अभियान की राष्ट्रीय मुहिम शुरू करनी पड़ी है। इस राष्ट्रीय अभियान के बावजूद लोग सफाई के प्रति जागरुक हैं वह सफाई के प्रति उदासीन है। तभी तो लोगों के दिमाग को बदलने का काम अब एक मशीन करने वाली है। यह एक ऐसी मशीन है जिसे आप कचरा दोगे तो वह मशीन आपको स्वच्छ पीने का पानी देगी। कचरे के बदले में स्वच्छ पानी यदि आपको मिलेगा तो हो सकता है कि हमारे आस-पास पड़ी खाली पानी की बोतलों की गंदगी खत्म हो जाए। सफाई के प्रति मानव अपनी मानसिकता बदलने को तैयार नहीं है। इसीलिये शायद ट्रेस्टर मशीन अब सफाई अभियान पर निकल चुकी है। अब सरकार की जिम्मेदारी है कि कचरा लेकर पीने का साफ पानी देनेवाली इस मशीन को सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित करें ताकि कचरे के ढेर से सार्वजनिक स्थल मुक्त हो जाए।

ट्रेस्टर के संस्थापक कुणाली दीक्षित की आइडिया को अंजाम देते हुये आईआईटी के दो छात्र अनुराग व सत्येंद्र ने एक ऐसी मशीन का निर्माण किया है, जो सरकार की स्वच्छता मुहिम में सक्रिय भूमिका निभा सकती है। यह एक ऐसी मशीन है जिसमें आप सड़क किनारे फेंके गये खाली पानी की बोतल को डाल सकते हैं। यह काम करके आप सफाई अभियान का एक हिस्सा बनते हैं इसलिये मशीन आपको बदले में पुरस्कृत करने वाली है। जी हाँ, बदले में आप उक्त 150 मिली या 300 मिली शुद्ध पीने का पानी प्राप्त कर सकते हैं। यह मशीन एक एटीएम जैसी ही नजर आती है। एटीएम मशीन से आप अपना पैसा निकालते हैं, यहाँ आप कचरा देकर पानी पाते हैं। ट्रेस्टर मशीन में पानी की खाली बोतल डालने के बाद कुछ देर इंतजार कीजिये क्योंकि जो बोतल आपने मशीन में डाला है उसे क्रश किया जा रहा है।

यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद मशीन के स्क्रीन पर दो विकल्प नजर आते हैं। ट्रेस्ट या पानी। ट्रेस्ट चाहिये तो आपको अंक मिलेगा और पानी चाहिये तो पानी ले लीजिये। अर्थात अब आप यदि कहीं आस-पास पानी की खाली बोतल देखते हैं तो उसे सफाई मशीन में डालने को मजबूर हो जाएँगे क्योंकि शुद्ध जल आज कहीं भी मुफ्त में नहीं मिलता है। यह मशीन आपको मुफ्त में शुद्ध जल देनेवाली है। आजादी के छह दशक से भी अधिक का वक्त बीत चुका है लेकिन हम आज भी स्वच्छ परिवेश तथा शुद्ध जल से वंचित हैं। लेकिन ट्रेस्टर के जरिये यह दोनों चीजें हिन्दुस्तानियों को एक बटन दबाते ही सुलभ होने वाली है। टेक स्टाई अप की ‘स्वच्छ मशीन’ मुंबईकरों को सार्वजनिक स्थानों को न केवल साफ सुथरा रखने हेतु प्रोत्साहित करेगी बल्कि उनके लिये स्वच्छ पेयजल भी उपलब्ध कराएगी।

फिलहाल यह मशीन आईआईटी मुंबई के छात्रावास में कार्यरत है। हर सप्ताह दस किलोग्राम से अधिक का प्लास्टिक कचरा साफ कर रही है। स्वच्छ मशीन में प्लास्टिक की बोतलों और अल्युमीनियम के केन के लिये अलग-अलग किनारा है, जिसमें अधिकतर एक लीटर क्षमता वाली बोतल व केन चूर-चूर हो जाता है। जब मशीन में 80 प्रतिशत कचरा भर जाता है तो मशीन स्वयं इसकी सूचना मशीन के प्रबंधन तक पहुँचा देती है। आरओ एवं यूवी फिल्ट्रेशन युक्त वॉटर डिस्पेसर की भण्डारण क्षमता 8 लीटर है। यह आपकी माँग के अनुसार ठण्डा व सामान्य जल प्रदान करता है। भण्डारण को किसी जलस्रोत से भी जोड़ा जा सकता है। बहुत बार ऐसा होता है कि कचरे की मशीन समझ कर लोग इसमें कोई भी कचरा उठाकर डाल सकते हैं। ऐसे में चिन्ता की बात नहीं है। मशीन में इस प्रकार की सुविधा है कि पानी के बोतल के अलावा जो भी कचरा डाला जाएगा उसका वर्गीकरण मशीन स्वयं ही कर लेती है। इसमें तीन प्रकार के कचरे का वर्गीकरण करने की सुविधा है। ऐसे में अब ‘स्वच्छ मशीन’ स्वयं आपसे कहेगी कि ‘एक तो बोतल उठाकर डालो!’ अब देखना यह है कि सफाई के प्रति लोगों के दिमाग को बदलने वाली यह ‘स्वच्छ मशीन’ देश को कितना साफ रख पाती है?