• देश के कुछ भागों में भूजल स्तर एक मीटर प्रति वर्ष की दर से गिर रहा है।
• वार्षिक पुनर्भरणीय संसाधन 432 अरब घन मीटर (बी.सी.एम.) आंका गया है।
• जल संचय करने से 160 अरब घन मीटर (बी.सी.एम.) अतिरिक्त जल उपयोग के लिए उपलब्ध होगा।
• आप दिल्ली में 100 वर्ग मीटर आकार के छत पर 65000 लीटर वर्षा जल प्राप्त कर उसका पुनर्भरण कर सकते है और इससे चार सदस्यों वाले एक परिवार की पेय और घरेलू जल आवश्यकताएं 160 दिनों तक पूरी कर सकते हैं।
• केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड ने जल का संचयन करने और पुनर्भरण के लिए पहली परियोजना हरियाणा में 1976 में व इसके पश्चात गुजरात में 1980 में तथा केरल में 19888 में कार्यान्वित की।
• भारत में गत पचास वर्षों में सिंचाई कुओं एवं बोरवेल/टयूबवेल मे पांच गुणा वृद्धि हो गई है। इसकी संख्या 195 लाख तक पहुंच चुकी है।
• इस समय भारत मे पेय, घरेलू एवं औद्योगिक उपयोग के लिए 25 से 30 लाख कुएं एवं बोरवेल/टयूबवेल है।
• देश में 80 प्रतिशत ग्रामीण तथा 50 प्रतिशत शहरी आवश्यकता की पूर्ति, औद्योगिक एवं सिंचाई के लिए जल की पूर्ति भूजल से की जा सकती है।