खेती करै ऊख कपास

Submitted by Hindi on Mon, 03/22/2010 - 09:35
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घाघ और भड्डरी

खेती करै ऊख कपास।
घर करै व्यवहरिया पास।।


भावार्थ- ऊख और कपास की खेती करना साहूकार को अपने घर के पास बुलाना है अर्थात् कर्जदार बनना है।