एक सरिता जिसका जल कुछ दूरी तक भूसतह पर प्रवाहित होने से पश्चात प्रवेश्य शैलों की संधियों तथा छिद्रों से होकर भूमिगत हो जाता है और सतह पर सरिता अदृश्य हो जाती है। इस प्रकार की सरिताएं प्रायः चूनापत्थर (कार्स्ट) प्रदेशों में मिलती हैं। हिमालय की तलहटी में कंकड़-पत्थर वाले भाबर प्रदेश में भी छोटी-छोटी सरिताएं लुप्त हो जाती हैं जो आगे चलकर तराई के मैदानी भाग में पुनः सतह पर बहने लगती हैं।
अन्य स्रोतों से
वेबस्टर शब्दकोश ( Meaning With Webster's Online Dictionary )
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