ध्रुवीय क्षेत्रों में, रात के समय आकाश में 100 से 1000 किमी. की ऊंचाई पर दिखाई देने वाला रंग-बिरंगा प्रकाश। विभिन्न आकृतियों में दिखाई देने वाला यह प्रकाश उस समय प्रकट होता है जब ध्रुवीय पवन के आयनित कण, सौर संस्फुरों (सन फ्लेयर) के दौरान, उच्च वायुमंडल में उपस्थित गैसों के साथ अंतःक्रिया करते हैं और चुंबकीय ध्रुवों की ओर आकर्षित होते हैं।
ध्रुवीय ज्योति (Aurora)
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