कार्बन फुटप्रिंट (Carbon footprint)

Submitted by Hindi on Fri, 12/25/2009 - 17:47
कार्बन फुटप्रिंट का मतलब किसी एक संस्था, व्यक्ति या उत्पाद द्वारा कुल कार्बन उत्सर्जन होता है। दूसरे शब्दों में, इसका मतलब कार्बन डाइऑक्साइड या ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन भी होता है। कार्बन फुटप्रिंट का नाम इकोलॉजिकल फुटप्रिंट विमर्श से निकला है। यह इकोलॉजिकल फुटप्रिंट का ही एक अंश है। उससे भी अधिक यह लाइफ साइकिल असेसमेंट (एलसीए) का हिस्सा है। किसी व्यक्ति, संस्था या वस्तु के कार्बन फुटप्रिंट का आकलन ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन के आधार पर किया जा सकता है। संभवत: कार्बन फुटप्रिंट का सबसे बड़ा कारण इनसान की यात्रा इच्छा ही होती है। इसके साथ घर में इस्तेमाल होने वाली बिजली की जरूरत भी इसका बड़ा कारण है। वैज्ञानिकों के अनुसार इनसान की करीब सभी आदतें, जिनमें खानपान से लेकर पहने जाने वाले कपड़े तक शामिल हैं, उसके कार्बन फुटप्रिंट का कारण बनते हैं।

ग्रीनहाउस गैसों में कमी लाने के कई तरीके हैं। सौर, पवन ऊर्जा के अधिक इस्तेमाल और पौधा रोपण आदि से कार्बन उत्सर्जन में कमी लाई जा सकती है। कार्बन उत्सर्जन और अन्य ग्रीनहाउस गैसों का वातावरण में निकास जीवाश्म ईंधन, कच्चे तेल और कोयले के जलने से होता है। क्योटो प्रोटोकॉल में कार्बन उत्सर्जन और ग्रीनहाउस गैसों पर निश्चित समयसीमा के अंतर्गत रोक लगाने का मसौदा पेश किया गया।

अपने कार्बन फुटप्रिंट में कमी घर में बिजली इस्तेमाल में किफायत से, फ्लोरेसेंट बल्बों के इस्तेमाल से लाई जा सकती है। अपने बर्तनों को हाथ से धोकर, उन्हें खुले वातावरण में रखकर सुखाएं। ग्लास, धातुओं, प्लास्टिक और कागज को एकाधिक बार इस्तेमाल में लाएं। अपने रेफ्रिजरेटर की रफ्तार धीमी रखें। घर की दीवारों पर हल्के रंग का पेंट भी इसमें मददगार होता है।