फुहार (Drizzle)

Submitted by Hindi on Tue, 12/29/2009 - 16:02
ऐसी वर्षा जिसमें बूंदों का आकार 0.5 मिमी से कम हो। आमतौर से वह 0.2 मिमी जौसा होता है। ऐसी वर्षा आमतौर से शांत अथवा बहुत धीमी गति से बहने वाली वायु में गिरती है। वायु की गति के तेज हो जाने से फुहार की बूंदें जमीन पर नहीं गिर पातीं। फुहार साधारणतः स्तरी मेंघों द्वारा उत्पन्न होती है। इसकी बूंदों का अंतिम वेग 1.5 मीटर प्रति सैकंड जैसा कम होता है।

कभी-कभी फुहार काफी घनी भी हो जाती है। उन क्षेत्रों में डहां कोष्ण नम पवन पर्वत को पार करने का प्रयत्न करती हैं, निरंतर होते रहने वाली फुहार से एक दिन में 10 मिमी. जैसी वर्षा भी हो सकती है।

भूतल के समीप पाये जाने वाले काले तथा भूरे रंग के वर्षास्तरी मेघों (nimbo-stratus clouds) से होने वाली वर्षा जिसमें जल की असंख्य छोटी-छोटी बूँदें अतिमंद गति से नीचे गिरती हैं और हवा के हल्के झोंके से भी इधर-उधर बिखर जाती हैं। फुहार की बूँदें बहुत छोटी होती हैं जिनका व्यास 0.5 मिलीमीटर से भी कम होता है।