माघ जु परिवा ऊजली

Submitted by Hindi on Thu, 03/25/2010 - 15:54
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घाघ और भड्डरी

माघ जु परिवा ऊजली, बादर वायु जु होय।
तेल और सुरही सबै, दिन दिन महँगो होय।।


भावार्थ- भड्डरी का मानना है कि यदि माघ शुक्ल प्रतिपदा को बादल हों और हवा धीरे-धीरे चल रही हो तो तेल और घी दिन-प्रति-दिन महँगे होंगे।