1. मुंगेर के खैरा गाँव में फ्लोराइड युक्त जल की समस्या पर मुख्यमन्त्री गम्भीर और कहा सिर्फ सरकार की नौकरी नहीं कीजिए, बल्कि भगवान से भी डरिए
2. 5 मार्च 2015 तक योजना पूरा करने के निर्देश मुख्य सचिव फिर 5 जनवरी को पटना में खैरा की स्थिति की करेंगे समीक्षा
नक्सल प्रभावित हवेली खड़गपुर प्रखण्ड का खैरा गाँव फ्लोराइड युक्त जल के सेवन से हो रही विकलांगता के कारण सुर्खियों में है। लगभग साढ़े चार वर्ष पूर्व सूबे के तत्कालीन मुख्यमन्त्री नीतीश कुमार खुद खैरा गाँव पहुँच गए। पूर्वी रमनकाबाद पंचायत का खैरा गाँव फ्लोराइड की चपेट में है। इस गाँव के लोगों के लिए जल जीवन नहीं मौत है। दूषित जल के सेवन से कई अपंग हो गए, तो कई असमय ही काल के गाल में समा गए। तत्कालीन मुख्यमन्त्री नीतीश कुमार ने ग्रामीणों को फ्लोराइड के अभिशाप से मुक्ति दिलाने के लिए 5 जून 2010 को विश्वास यात्रा के क्रम में करोड़ों की राशि से जलापूर्ति योजना का शिलान्यास किया।
योजना के अनुसार खड़गपुर झील से खैरा तक शुद्ध पेयजल खैरावासियों को एक वर्ष की भीतर उपलब्ध करार्इ जानी थी। लेकिन विभाग के पदाधिकारियों के उदासीन रवैयों के कारण आज तक झील का पानी खैरा गाँव नहीं पहुँच पाया। इस कारण आज भी खैरा के ग्रामीण फ्लोराइड युक्त जल का सेवन करने को विवश हैं। इस योजना को अमलीजामा पहनाने हेतु खड़गपुर झील परिसर में पुजलार्इट कम्पनी द्वारा कार्य आरम्भ भी होना था। लगभग 25 करोड़ 27 लाख की राशि से बन रहे इस योजना पर आपसी विवाद के कारण ग्रहण सा लग गया है।
कई महीनों से काम बन्द रहने के कारण सामानों पर आजकल चोरों की नजर लग गई है। कई सामान तो चोरी भी कर ली गर्इ है। खैरा के ग्रामीण गौरी देवी, करूणेश कुमार, संजीव कुमार, कन्हैयालाल, नारायण मण्डल, सरिता देवी, रूपा देवी, किरण देवी ने बताया कि हम लोग फ्लोराइड युक्त जल पीने को विवश हैं। हम लोगों की व्यथा सुनने वाला कोर्इ नहीं है।
ग्रामीण इस कदर भयभीत हैं कि यदि शुद्ध पेयजल जल्द मुहैया नहीं कराया गया तो हमलोग भी विकलांग हो जाएँगे। इस स्थिति से आक्रोशित लोगों ने 31 दिसम्बर 2014 को प्रखण्ड के रमनकाबाद पूर्वी पंचायत के खैरा गाँव के ग्रामीणों ने बुधवार को खैरा गाँव में फ्लोराइड मुक्त शुद्ध पेयजल आपूर्ति करने एवं फ्लोराइड की समस्या के स्थायी समाधान की माँग को लेकर प्रखण्ड व अंचल कार्यालय को घेरा। लक्ष्मण प्रसाद सिंह, प्रखण्ड प्रमुख गौरी देवी और पंचायत की मुखिया अनामिका सिन्हा के नेतृत्व में लोगों ने ‘पेयजल को शुद्ध करो, नीतीश कुमार का संकल्प पूरा करो, जल ही जीवन है फिर भी क्यों हम लोगों के लिये अभिशाप है’ आदि नारे लगा रहे थे। बाद में प्रदर्शनकारियों ने अनुमण्डल पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। स्वास्थ्य विभाग सर्वे के मुताबिक 2010 में ही गाँव के 70 लोगों को विकलांग घोषित किया गया है।
मुंगेर जिले के हवेली खड़गपुर का खैरा गाँव फ्लोराइड से सबसे अधिक प्रभावित है। भूजल में फ्लोराइड की अधिक मात्रा पाए जाने के कारण अनेक शारीरिक व्याधियाँ पैदा हो गई हैं। हड्डी रोग जनित समस्याएँ खड़ी हो गई हैं। इससे वह समय से पहले बूढ़े लगने लगे हैं। फ्लोरोसिस से ग्रसित व्यक्ति के शरीर रीढ़, गर्दन पैर या हाथ की हड्डियाँ टेढ़ी-मेढ़ी एवं अत्यन्त कमजोर हो जाती है।
खैरा के प्रदर्शन की धमक बिहार के मुख्यमन्त्री जीतनराम मांझी के कानों तक पहुँची। अपने दो दिवसीय दौरे के क्रम में जब दो जनवरी को मुंगेर आए तो तीन जनवरी को जिला परिषद के सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होंने खैरा की खोज- खबर ली। मुंगेर के जिला पदाधिकारी अमरेन्द्र प्रसाद सिंह ने मुख्यमन्त्री को बताया कि काम समय से पूरा नहीं किए जाने के कारण इस काम में लगी दो कम्पनी जिन्दल और पुंजलाइट कम्पनी को ब्लैकलिस्टेड कर दिया है।
मुख्यमन्त्री जीतनराम मांझी ने कहा कि सिर्फ ब्लैकलिस्टेड कर देना समस्या का समाधान नहीं है। इन दोनों कम्पनियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करें। मामले में हस्तक्षेप करते हुए राज्य के मुख्यसचिव अंजनी कुमार सिंह ने लोक स्वास्थ्य अभियन्त्रण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि सोमवार यानी 5 जनवरी को अपने विभागीय सचिव के साथ उपस्थित हों। वे व्यक्तिगत् रूप से खैरा के मामले की समीक्षा करेंगे। मुख्यमन्त्री ने कहा कि 5 मार्च 2015 तक हर हाल में यहाँ के लोगों को शुद्ध पेयजल नसीब होना चाहिए।
मुख्यमन्त्री जीतनराम मांझी ने अधिकारियों से कहा सिर्फ सरकार की नौकरी कर औपचारिकता नहीं निभाएँ, भगवान से डरिए और र्इमान को कायम रखिए। लोग विकलांग हो रहे हैं और आपमें मानवता तक नहीं है।
समीक्षा बैठक में राज्य के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक पी. के. ठाकुर के साथ-साथ विभिन्न विभागों के प्रधान सचिव, जिलों के प्रभारी सचिव, प्रमण्डल स्तर के प्रमण्डलीय आयुक्त सुनील कुमार सिंह प्रमण्डल के सभी जिला मुंगेर, खगड़िया, बेगूसराय, लखीसराय, जमुर्इ और शेखपुरा के जिला पदाधिकारी, आरक्षी अधीक्षक, सूचना एवं जनसम्पर्क मुंगेर प्रमण्डल के उपनिदेशक कमलाकान्त उपाध्याय, विभिन्न विभागों के तकनीकी व प्रशासनिक पदाधिकारीयों तथा राज्य के पर्यटन मन्त्री सह मुंगेर जिला के प्रभारी मन्त्री जावेद इकबाल अंसारी, नगर विकास मन्त्री सम्राट चौधरी, विधायक अनन्त सत्यार्थी, विधायिका नीता चौधरी, शैलेश कुमार ने भी हिस्सा लिया।
2. 5 मार्च 2015 तक योजना पूरा करने के निर्देश मुख्य सचिव फिर 5 जनवरी को पटना में खैरा की स्थिति की करेंगे समीक्षा
नक्सल प्रभावित हवेली खड़गपुर प्रखण्ड का खैरा गाँव फ्लोराइड युक्त जल के सेवन से हो रही विकलांगता के कारण सुर्खियों में है। लगभग साढ़े चार वर्ष पूर्व सूबे के तत्कालीन मुख्यमन्त्री नीतीश कुमार खुद खैरा गाँव पहुँच गए। पूर्वी रमनकाबाद पंचायत का खैरा गाँव फ्लोराइड की चपेट में है। इस गाँव के लोगों के लिए जल जीवन नहीं मौत है। दूषित जल के सेवन से कई अपंग हो गए, तो कई असमय ही काल के गाल में समा गए। तत्कालीन मुख्यमन्त्री नीतीश कुमार ने ग्रामीणों को फ्लोराइड के अभिशाप से मुक्ति दिलाने के लिए 5 जून 2010 को विश्वास यात्रा के क्रम में करोड़ों की राशि से जलापूर्ति योजना का शिलान्यास किया।
योजना के अनुसार खड़गपुर झील से खैरा तक शुद्ध पेयजल खैरावासियों को एक वर्ष की भीतर उपलब्ध करार्इ जानी थी। लेकिन विभाग के पदाधिकारियों के उदासीन रवैयों के कारण आज तक झील का पानी खैरा गाँव नहीं पहुँच पाया। इस कारण आज भी खैरा के ग्रामीण फ्लोराइड युक्त जल का सेवन करने को विवश हैं। इस योजना को अमलीजामा पहनाने हेतु खड़गपुर झील परिसर में पुजलार्इट कम्पनी द्वारा कार्य आरम्भ भी होना था। लगभग 25 करोड़ 27 लाख की राशि से बन रहे इस योजना पर आपसी विवाद के कारण ग्रहण सा लग गया है।
कहते हैं कि जल ही जीवन है, लेकिन मुंगेर जिले के खैरा गाँव के लोगों के लिए जल जीवन के लिए अभिशाप बन चुका है। योजना के अनुसार खड़गपुर झील से खैरा तक शुद्ध पेयजल खैरावासियों को एक वर्ष की भीतर उपलब्ध करार्इ जानी थी। लेकिन विभाग के पदाधिकारियों के उदासीन रवैयों के कारण आज तक झील का पानी खैरा गाँव नहीं पहुँच पाया। इस गाँव के लोगों के लिए जल जीवन नहीं मौत है। दूषित जल के सेवन से कई अपंग हो गए, तो कई असमय ही काल के गाल में समा गए। पानी में मिला हुआ फ्लोराइड की समस्या से त्रस्त खैरा गाँव खुदा से खैर माँग रहा है।
व्यक्ति के खड़ा होने, चलने, या दौड़ने या बोझ ढोने में कठिनार्इ एवं पीड़ा होती है। इनकी हड्डियों के जोड़ें सख्त हो जाती हैं तथा मरीज के हड्डियों, गर्दन एवं जोड़ों में तेज दर्द रहता है। दन्त फ्लोरोसिस मुख्यतः बच्चों की बीमारी है। फ्लोराइड युक्त पेयजल के लगातार इस्तेमाल से यह बीमारी आठ-नौ वर्ष की उम्र से दिखने लगती है। इस बीमारी में बच्चों के स्थायी दाँत गन्दे एवं क्षैतिज पीली धारी से युक्त दिखते हैं।कई महीनों से काम बन्द रहने के कारण सामानों पर आजकल चोरों की नजर लग गई है। कई सामान तो चोरी भी कर ली गर्इ है। खैरा के ग्रामीण गौरी देवी, करूणेश कुमार, संजीव कुमार, कन्हैयालाल, नारायण मण्डल, सरिता देवी, रूपा देवी, किरण देवी ने बताया कि हम लोग फ्लोराइड युक्त जल पीने को विवश हैं। हम लोगों की व्यथा सुनने वाला कोर्इ नहीं है।
ग्रामीण इस कदर भयभीत हैं कि यदि शुद्ध पेयजल जल्द मुहैया नहीं कराया गया तो हमलोग भी विकलांग हो जाएँगे। इस स्थिति से आक्रोशित लोगों ने 31 दिसम्बर 2014 को प्रखण्ड के रमनकाबाद पूर्वी पंचायत के खैरा गाँव के ग्रामीणों ने बुधवार को खैरा गाँव में फ्लोराइड मुक्त शुद्ध पेयजल आपूर्ति करने एवं फ्लोराइड की समस्या के स्थायी समाधान की माँग को लेकर प्रखण्ड व अंचल कार्यालय को घेरा। लक्ष्मण प्रसाद सिंह, प्रखण्ड प्रमुख गौरी देवी और पंचायत की मुखिया अनामिका सिन्हा के नेतृत्व में लोगों ने ‘पेयजल को शुद्ध करो, नीतीश कुमार का संकल्प पूरा करो, जल ही जीवन है फिर भी क्यों हम लोगों के लिये अभिशाप है’ आदि नारे लगा रहे थे। बाद में प्रदर्शनकारियों ने अनुमण्डल पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। स्वास्थ्य विभाग सर्वे के मुताबिक 2010 में ही गाँव के 70 लोगों को विकलांग घोषित किया गया है।
मुंगेर जिले के हवेली खड़गपुर का खैरा गाँव फ्लोराइड से सबसे अधिक प्रभावित है। भूजल में फ्लोराइड की अधिक मात्रा पाए जाने के कारण अनेक शारीरिक व्याधियाँ पैदा हो गई हैं। हड्डी रोग जनित समस्याएँ खड़ी हो गई हैं। इससे वह समय से पहले बूढ़े लगने लगे हैं। फ्लोरोसिस से ग्रसित व्यक्ति के शरीर रीढ़, गर्दन पैर या हाथ की हड्डियाँ टेढ़ी-मेढ़ी एवं अत्यन्त कमजोर हो जाती है।
खैरा के प्रदर्शन की धमक बिहार के मुख्यमन्त्री जीतनराम मांझी के कानों तक पहुँची। अपने दो दिवसीय दौरे के क्रम में जब दो जनवरी को मुंगेर आए तो तीन जनवरी को जिला परिषद के सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होंने खैरा की खोज- खबर ली। मुंगेर के जिला पदाधिकारी अमरेन्द्र प्रसाद सिंह ने मुख्यमन्त्री को बताया कि काम समय से पूरा नहीं किए जाने के कारण इस काम में लगी दो कम्पनी जिन्दल और पुंजलाइट कम्पनी को ब्लैकलिस्टेड कर दिया है।
मुख्यमन्त्री जीतनराम मांझी ने कहा कि सिर्फ ब्लैकलिस्टेड कर देना समस्या का समाधान नहीं है। इन दोनों कम्पनियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करें। मामले में हस्तक्षेप करते हुए राज्य के मुख्यसचिव अंजनी कुमार सिंह ने लोक स्वास्थ्य अभियन्त्रण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि सोमवार यानी 5 जनवरी को अपने विभागीय सचिव के साथ उपस्थित हों। वे व्यक्तिगत् रूप से खैरा के मामले की समीक्षा करेंगे। मुख्यमन्त्री ने कहा कि 5 मार्च 2015 तक हर हाल में यहाँ के लोगों को शुद्ध पेयजल नसीब होना चाहिए।
मुख्यमन्त्री जीतनराम मांझी ने अधिकारियों से कहा सिर्फ सरकार की नौकरी कर औपचारिकता नहीं निभाएँ, भगवान से डरिए और र्इमान को कायम रखिए। लोग विकलांग हो रहे हैं और आपमें मानवता तक नहीं है।
समीक्षा बैठक में राज्य के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक पी. के. ठाकुर के साथ-साथ विभिन्न विभागों के प्रधान सचिव, जिलों के प्रभारी सचिव, प्रमण्डल स्तर के प्रमण्डलीय आयुक्त सुनील कुमार सिंह प्रमण्डल के सभी जिला मुंगेर, खगड़िया, बेगूसराय, लखीसराय, जमुर्इ और शेखपुरा के जिला पदाधिकारी, आरक्षी अधीक्षक, सूचना एवं जनसम्पर्क मुंगेर प्रमण्डल के उपनिदेशक कमलाकान्त उपाध्याय, विभिन्न विभागों के तकनीकी व प्रशासनिक पदाधिकारीयों तथा राज्य के पर्यटन मन्त्री सह मुंगेर जिला के प्रभारी मन्त्री जावेद इकबाल अंसारी, नगर विकास मन्त्री सम्राट चौधरी, विधायक अनन्त सत्यार्थी, विधायिका नीता चौधरी, शैलेश कुमार ने भी हिस्सा लिया।