धार। लम्बे इन्तजार के बाद ओंकारेश्वर परियोजना की उप नहर डीवाय-19 से समीपस्थ ग्राम ननोदा क्षेत्र के किसानों के खेतों में सिंचाई के लिये पानी मिलने लगा। इससे रबी की सूखती फसलों को सहारा मिला है। हालांकि नहर के दो सायफनों में अभी हल्का-सा पानी रिसाव जरूर हो रहा है। विभाग के अधिकारी आगामी समय में नहर बन्द होने के बाद दुरुस्त करने की बात कह रहे हैं।
ननोदा और खण्डवा ग्राम के बीच परियोजना की उपनहर डीवाय-19 में लगभग डेढ़ किमी के मध्य तीन सायफन और घटिया नहर निर्माण के चलते क्षेत्र के लगभग 1 हजार हेक्टेयर क्षेत्र के किसानों को 15 नवम्बर से पानी नहीं मिल रहा था। इसके बाद विभाग और निर्माण एजेंसी के अधिकारियों ने नहर और सायफन को दुरुस्त कर 15 दिन में पानी निकासी की बात किसानों से कही थी, लेकिन यह कार्य लगभग 1 माह में पूर्ण हुआ और 15 दिसम्बर को पानी की निकासी की गई है।
सूखती फसलों के लिये संजीवनी
नहरों से पानी मिलने की आस में किसानों ने रबी की फसल की बोवनी कर दी थी, लेकिन अचानक पानी निकासी बन्द होने से किसानों को फसल सूखने का खतरा मँडराने लगा था। अब पानी निकासी प्रारम्भ होने से किसानों को सिंचाई के लिये पानी मिलने लगा है। वहीं जो किसान रह गए थे, वे भी बोवनी में जुट गए हैं।
सायफन में है हल्का लीकेज
दूसरी बार भी नहरों के मध्य सायफन सही नहीं बनाए गए हैं। उनमें से दो सायफन में नहर में पानी निकासी के साथ ही हल्का-सा पानी लीकेज हो रहा है, लेकिन अभी किसानों को पानी की सख्त आवश्यकता है। इस वजह से किसानों ने अभी विभाग के अधिकारियों को कहा है कि अभी सायफन दुरुस्त करने का जतन किया, तो नहर में पानी निकासी वापस बन्द हो जाएगी और फसलों को नुकसान होगा। किसानों ने आगामी समय में सायफन को दुरुस्त करने की माँग की है।
सायफन दुरुस्त करेंगे
किसानों को अभी पानी की आवश्यकता है, इसलिये पानी की निकासी की गई है। आने वाले समय में सायफन को दुरुस्त कर देंगे...आरपी उईके, ईई, नर्मदा घाटी विकास विभाग क्रमांक 30