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शिवमपूर्णा, सितम्बर 2014
सेहत के जानकार मानते हैं कि यदि पेयजल शुद्ध होगा तो बीमारियाँ पास भी नहीं फटकेंगी। हम आपको पेयजल शुद्ध करने के उन तरीकों के बारे में बताते हैं जो वैज्ञानिकों द्वारा प्रमाणित हैं और असरदायक भी।
(1) उबालना - पानी को उबालकर शुद्ध करने की विधि बहुत पुरानी है, लेकिन यह सबसे किफायती और सुरक्षित विधि है, जिससे पानी में मौजूद कीटाणु पूरी तरह से नष्ट हो जाते हैं।
(2) आसवन - आसवन यानी डिस्टीलेशन की प्रक्रिया के दौरान उबलते हुए पानी की भाप को एकत्रित किया जाता है। यह भाप ठंडी होने पर फिर से पानी की बूँदों में बदल जाती है और इस तरह पानी बिल्कुल शुद्ध हो जाता है यह प्रक्रिया पानी को शत-प्रतिशत शुद्ध बना देती है।
(3) केमिकल के जरिए - पानी को शुद्ध करने का तरीका बेहद किफायती और विश्वसनीय है। आमतौर पर इसके लिए हम क्लोरीन का इस्तेमाल करते हैं। इसे पानी में डालने के 30 मिनट बाद ही पानी पीने योग्य हो जाता है। सबसे अच्छी बात यह है कि इसे पानी में डालने के बाद भी पानी के स्वाद में कोई अंतर नहीं आता।
(4) फिल्टर करना - पानी को फिल्टर करने के लिए हम वॉटर फिल्टर और प्यूरीफायर का उपयोग करते हैं। इसमें बहुत महीन झिल्ली या पर्दों के द्वारा गंदगी और बैक्टीरिया को छानकर अलग किया जाता है। लेकिन सिर्फ छानकर पानी को पूरी तरह से शुद्ध करना सम्भव नहीं है, क्योंकि छानने के बाद भी पानी में कुछ वायरस रहते हैं। तो इसका भी उपाय है। बाजार में एडवांस यूवी टेक्नोलॉजी और एक्टिव कार्बन युक्त प्यूरी फायर मौजूद हैं, जो पानी को शत- प्रतिशत शुद्ध बना देते हैं।
(5) सूर्य की किरणों से शुद्धता- इस विधि में पारदर्शी बॉटल में पानी भरकर अच्छी तरह से हिलाने के बाद करीब छह घंटे के लिए सूर्य के प्रकाश में रख देते हैं इससे तापमान के बढ़ने और सूर्य की किरणों के प्रभाव में आने से सारे कीटाणु नष्ट हो जाते हैं और पानी पूरी तरह से शुद्ध हो जाता है। पीने का पानी यदि शुद्ध होगा, तो निश्चित मानिए आप और आपका पूरा परिवार सेहतमंद रहेगा।
उपरोक्त तरीकों में से आप चाहें किसी को भी अपना ले। लेकिन अपनाएँ जरूर क्योंकि यह आपके घर के दवाई खर्च सहित डॉ. के पास जाने से भी आपको बचा सकता है। आप ने अब तक यह सुना होगा ‘‘एक सेब फल रोज खाएँ और डॉ. को दूर भगाएँ’’ आज यह पढ़ो ‘‘शुद्ध पानी पीयो, सेहत के साथ जीयो’’ पाठकों याद रखो ‘जल ही जीवन है।’
पानी बने शुद्ध पानी- पानी को प्यूरीफाई या शुद्ध करने के लिए कई तरह की विधियाँ उपयोग में लाई जाती हैं लेकिन अक्सर इन विधियों को लेकर संशय की स्थिति बनी रहती है कि कौन- सी विधि सही है और कौन-सी गलत? तो चलिए आज इसी भ्रम को दूर करते हैं।
- बत्रा हाऊस, अमाया गार्डन, फ्लेट न.-ए-1, तापी नगर, भुसावल (महाराष्ट्र) 425201
(1) उबालना - पानी को उबालकर शुद्ध करने की विधि बहुत पुरानी है, लेकिन यह सबसे किफायती और सुरक्षित विधि है, जिससे पानी में मौजूद कीटाणु पूरी तरह से नष्ट हो जाते हैं।
(2) आसवन - आसवन यानी डिस्टीलेशन की प्रक्रिया के दौरान उबलते हुए पानी की भाप को एकत्रित किया जाता है। यह भाप ठंडी होने पर फिर से पानी की बूँदों में बदल जाती है और इस तरह पानी बिल्कुल शुद्ध हो जाता है यह प्रक्रिया पानी को शत-प्रतिशत शुद्ध बना देती है।
(3) केमिकल के जरिए - पानी को शुद्ध करने का तरीका बेहद किफायती और विश्वसनीय है। आमतौर पर इसके लिए हम क्लोरीन का इस्तेमाल करते हैं। इसे पानी में डालने के 30 मिनट बाद ही पानी पीने योग्य हो जाता है। सबसे अच्छी बात यह है कि इसे पानी में डालने के बाद भी पानी के स्वाद में कोई अंतर नहीं आता।
(4) फिल्टर करना - पानी को फिल्टर करने के लिए हम वॉटर फिल्टर और प्यूरीफायर का उपयोग करते हैं। इसमें बहुत महीन झिल्ली या पर्दों के द्वारा गंदगी और बैक्टीरिया को छानकर अलग किया जाता है। लेकिन सिर्फ छानकर पानी को पूरी तरह से शुद्ध करना सम्भव नहीं है, क्योंकि छानने के बाद भी पानी में कुछ वायरस रहते हैं। तो इसका भी उपाय है। बाजार में एडवांस यूवी टेक्नोलॉजी और एक्टिव कार्बन युक्त प्यूरी फायर मौजूद हैं, जो पानी को शत- प्रतिशत शुद्ध बना देते हैं।
(5) सूर्य की किरणों से शुद्धता- इस विधि में पारदर्शी बॉटल में पानी भरकर अच्छी तरह से हिलाने के बाद करीब छह घंटे के लिए सूर्य के प्रकाश में रख देते हैं इससे तापमान के बढ़ने और सूर्य की किरणों के प्रभाव में आने से सारे कीटाणु नष्ट हो जाते हैं और पानी पूरी तरह से शुद्ध हो जाता है। पीने का पानी यदि शुद्ध होगा, तो निश्चित मानिए आप और आपका पूरा परिवार सेहतमंद रहेगा।
उपरोक्त तरीकों में से आप चाहें किसी को भी अपना ले। लेकिन अपनाएँ जरूर क्योंकि यह आपके घर के दवाई खर्च सहित डॉ. के पास जाने से भी आपको बचा सकता है। आप ने अब तक यह सुना होगा ‘‘एक सेब फल रोज खाएँ और डॉ. को दूर भगाएँ’’ आज यह पढ़ो ‘‘शुद्ध पानी पीयो, सेहत के साथ जीयो’’ पाठकों याद रखो ‘जल ही जीवन है।’
पानी बने शुद्ध पानी- पानी को प्यूरीफाई या शुद्ध करने के लिए कई तरह की विधियाँ उपयोग में लाई जाती हैं लेकिन अक्सर इन विधियों को लेकर संशय की स्थिति बनी रहती है कि कौन- सी विधि सही है और कौन-सी गलत? तो चलिए आज इसी भ्रम को दूर करते हैं।
- बत्रा हाऊस, अमाया गार्डन, फ्लेट न.-ए-1, तापी नगर, भुसावल (महाराष्ट्र) 425201