Source
राजस्थान पत्रिका, 17 मई, 2016
इधर अफसर करते रहे पर्यावरणीय स्वीकृति के लिये बैठकें, उधर चलता रहा नदी-नाला पाटने का काम
इधर जेडीए के अफसर नदी-नालों को सहेजने के लिये एसी कमरों में बैठकें करते रहे, उधर द्रव्यवती नदी (अमानीशाह नाला) और करतारपुरा नाले के बहाव क्षेत्र को पाटने का काम धड़ल्ले से चलता रहा। 210 फीट चौड़ी नदी को 30 फीट तक समेट दिया गया। उसमें मिलने वाले छोटे नाले को तो जमींदोज ही कर दिया गया। इसी तरह करतारपुरा नाले के बहाव क्षेत्र और उससे सटी सरकारी जमीन को पाटकर ट्यूबवैल की खुदाई की जाती रही। दोनों जगह 3 से 6 माह के भीतर बहाव क्षेत्र की चौड़ाई ही बदल दी गई। ऐसे में नदी-नाले को चमकाने के लिये तैयार करोड़ों रुपए के प्रोजेक्ट पर सवाल बढ़ गए हैं। हालाँकि ये अवैध गतिविधियाँ नई नहीं है लेकिन नदी को संवारने का प्रोजेक्ट फाइनल होते ही इसमें तेजी आ गई है।
दीवार ढहाई, खोदा ट्यूबवेल
गोपालपुरा बायपास, प्रेम नगर विस्तार से गुजर रहे करतारपुरा नाला के बहाव क्षेत्र और उससे सटी जमीन को मलबे से पाट दिया गया। बेधड़क ट्यूबवेल भी खोदा जा रहा था। डिस्कॉम ने विद्युत कनेक्शन तक दे दिया। यहाँ बच्चों के पार्क की दीवार ढहा दी गई, जिसकी जेडीए को शिकायत की गई है। अभी तक नाले की पैमाइश नहीं हुई है, इसलिए खातेदारी जमीन का पैमाना भी बेमानी है।
अफसर यहाँ रहे मशगूल
द्रव्यवती नदी को चमकाने के लिये पर्यावरणीय स्वीकृति आवश्यक है। इसके लिये जयपुर विकास प्राधिकरण और प्रदूषण नियंत्रण मण्डल की कमेटी के बीच सोमवार को मण्डल कार्यालय में बैठक हुई। यहाँ प्राधिकरण और टाटा प्रोजेक्ट्स के अफसरों ने प्रजेंटेशन दिया। इस दौरान उस समय हास्यास्पद स्थिति हो गई, जब मण्डल के एक अफसर ने पूछ लिया कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाले पानी से गंदगी तो नहीं होगी, तब जेडीसी शिखर अग्रवाल ने समझाया कि ट्रीटमेंट प्लांट ही गंदे पानी को परिशोधित करने के लिये लगाया जा रहा है।
चार माह में दशा ही बदल गई
1. त्रिवेणी नगर के पास 10-बी विस्तार के नाम से बसाए गए इलाके में द्रव्यवती नदी को पाटकर चौड़ाई 210 से 30 फीट कर दी गई। जबकि 4-5 माह पहले तक नदी मूल चौड़ाई में बह रही थी।
2. यहाँ 210 फीट की चौड़ाई में लगाए गए आउटर पिलर के आगे तक कब्जा करने के लिये मलबा डाला जा रहा है। अब तक जो हिस्सा बहाव क्षेत्र में था, उस पर 40 फीट से ज्यादा चौड़ाई में सड़क बनाने की तैयारी है।
3. इसी जगह नदी में मिल रहे कॉलोनी के बड़े नाले तक को जमींदोज कर दिया गया है। बहाव क्षेत्र से सटी सरकारी जमीन पर बाउण्ड्रीवाल बनाकर बेचान किया जा रहा है।
जहाँ दिए नोटिस, वहाँ तेजी से काम
1. सरकारी जमीन पर बसाई गई जगन्नाथपुरी कॉलोनी में द्रव्यवती नदी से प्रभावित जिन निर्माण के लिये जेडीए ने नोटिस जारी किए हैं, वहाँ धड़ल्ले से निर्माण किया जा रहा है। जेडीए ने 13 भूखण्डधारियों को नोटिस दे रखे हैं, इनमें से भूखण्ड संख्या 201, 204 के अलावा 129, 186 व अन्य जगह निर्माण किया जा रहा है।
2. यहीं किरण विहार विस्तार में सीमेंट-कंक्रीट की सड़क बनाई जा रही है, जबकि जेडीए इस कॉलोनी के अस्तित्व पर ही सवाल उठा चुका है। इसके बावजूद नगर निगम मनमाने तरीके से जेडीए के परिधि क्षेत्र में सीसी रोड बनाकर अवैध बस्तियों को बढ़ावा देने पर आमादा है।