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राजस्थान पत्रिका, 26 दिसम्बर, 2017
कानपुर। सूबे में कचरे से ईंधन भी बनेगा। हाइवे के किनारे कचरे से सीएनजी बनाने के संयंत्र लगाए जाएँगे। प्रारम्भिक चरण में कानपुर-लखनऊ और लखनऊ-आगरा हाइवे का चयन किया गया है। कचरे से सीएनजी बनाने के लिये राज्य जैव ऊर्जा विकास बोर्ड तकनीकी मदद मुहैया कराएगा। इस योजना के लिये बायो सीएनजी कम्पनियों को न्योता भेजा गया है। कचरा उपलब्ध कराने वाले किसानों को पराली, गोबर आदि की कीमत भी मिलेगी। योजना के अगले चरण में तीन अन्य राजमार्गों का चयन किया जाएगा।
अब मुसीबत नहीं बनेगा कचरा
कचरे से ईंधन बनाने की योजना के तहत सरकार ने तय किया है कि प्रारम्भिक चरण में कानपुर-लखनऊ हाइवे और लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे के किनारे बायो सीएनजी बनाने के प्लांट स्थापित किए जाएँगे। इस वास्ते सरकार ने विभिन्न कम्पनियों को आमंत्रित किया है। करीब एक दर्जन कम्पनियों ने बायो सीएनजी बनाने में रुचि भी दिखाई है। योजना के तहत हाई-वे के किनारे खेतों की पराली, कृषि अपशिष्ट, गोबर और फल मंडियों के कचरे से बायो सीएनजी बनाई जाएगी, जोकि मौके पर ही बिक्री के लिये उपलब्ध रहेगी। बायो सीएनजी बनाने के लिये राज्य जैव ऊर्जा विकास बोर्ड से तकनीकी मदद मिलेगी, अलबत्ता योजना में इच्छुक कम्पनियों ने राज्य सरकार से पाँच साल तक सब्सिडी मुहैया कराने का आग्रह भी किया है।
किसानों को तुरन्त होगा भुगतान कचरे को जलाने से प्रदूषण से परेशान सरकार ने तय किया है कि बायो सीएनजी के लिये कच्चा माल उपलब्ध कराने वाले किसानों को पराली, गोबर, कृषि अपशिष्ट और फल-सब्जी मंडियों के कचरे का तुरन्त भुगतान किया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के सफल होने की स्थिति में सूबे के अन्य राष्ट्रीय राजमार्गों कानपुर-अलीगढ़, कानपुर-झाँसी, कानपुर-सागर राजमार्ग, कानपुर-दिल्ली राजमार्ग पर भी योजना को लॉन्च किया जाएगा। गौरतलब है कि मौजूदा समय में एनजीटी की रोक के बावजूद अधिकांश किसान खेतों में पराली व अन्य कृषि अपशिष्ट को जला देते हैं। नतीजे में पर्यावरण प्रदूषित होता है। जिससे समस्या होती है।
पहला प्लान्ट उन्नाव में
बायो सीएनजी बनाने के लिये पहला प्लांट कानपुर-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर उन्नाव में बंथर के करीब स्थापित होगा। उन्नाव के जिलाधिकारी ने प्लान्ट की स्थापना के लिये भूमि का चयन शुरू कर दिया है। इसी तरह लखनऊ-गाजियाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर लखनऊ, शाहजहाँपुर, बरेली, रामपुर, मुरादाबाद, अमरोहा, हापुड़, गाजियाबाद जिला मुख्यालय के पास बायो सीएनजी उत्पादन का प्लांट और फिलिंग स्टेशन बनाने की योजना है। बायो सीएनजी प्लान्ट की स्थापना के लिये मुख्य सचिव राजीव कुमार की अध्यक्षता में लखनऊ में हुई बोर्ड की बैठक में सहमति बन गई है जिस पर जल्द अमल होगा।
किसानों को मिलेगी जैविक खाद
नाबार्ड की योजना के तहत राज्य जैव ऊर्जा विकास बोर्ड ने फॉर्मर प्रोड्यूसर कम्पनी बनाने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है। यह व्यवस्था बायो सीएनजी प्लान्ट के लिये आसानी से कचरा मुहैया कराने के लिये हुई है। बोर्ड के स्टेट कोऑर्डिनेटर एवं सदस्य सलाहकार ने बताया कि प्लान्ट में जो खाद बनेगी, वह किसानों को मिलेगी, जबकि कृषि अपशिष्ट के बदले में किसानों को भुगतान किया जाएगा, जोकि रजामंदी के आधार पर खाद की कीमत में समायोजित होगा। किसानों की ऊसर, बंजर भूमि पर बायोमास के उत्पादन का लक्ष्य भी है।
- रोजाना प्रति यूनिट पाँच टन सीएनजी उत्पादन का लक्ष्य
- पाँच टन सीएनजी के लिये रोजाना 120 टन कचरे की जरूरत
- प्रत्येक माह में 30 से 35 टन खाद उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है
- प्लांट लगाने वाली कम्पनी मंडियों और खेत से कचरा उठाएँगी