पितमपुर औद्योगिक परिसर के क्षेत्र 1, क्षेत्र 2 और विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) के भूजल की गुणवत्ता – अध्ययन

Submitted by Hindi on Wed, 04/25/2012 - 09:56
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राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान
इंदौर से 45 कि.मी. स्थित पितमपुर क्षेत्र औद्योगिक वसाहत से घिरा हुआ है, जिसमें कपड़ा, औषधीय और वाहन से औद्योगिकीकरण हुआ है। गंभीर और चंबल यह दो नदियों के वॉटरशेड का अध्ययन का विस्तृत विवरण इस लेख में किया गया है। गंभीर और चंबल नदी के सब पैटर्न से लेकर फैला हुआ डेनेज पैटर्न है। संपूर्ण जिला पॅलियोजीन काल के मालवा ग्रुप के क्रेटेसियस बसाल्टीक खड़कों से घिरा है। इस क्षेत्र में विशेषता ‘आ’ और ‘पाहोइहो’, (Pahoehoe) प्रकार का लावा बहता रहता है। यहां के खडक ऊपरी क्रेटेसियस से लेकर पॅलियोजीन काल से है और उनमें दुय्यम छिद्रमयता और विदारण भी है। ऊपरी जमीन विशेषता से बारीक मिट्टी से है। इसमें अनकनफाइड और सेमिकनफाइड प्रकार के झरने हैं।

गंभीर नदी के वॉटरशेड क्षेत्र में 90 स्क्वेयर कि.मी.परिसर आता है और इस खंड में विशेषता मोटरगाड़ी और रासायनिक औद्योगिकीकरण हुआ है । चंबल नदी के वॉटरशेड क्षेत्र में अधिकतर मोटरगाड़ी रसायन, कपड़ा और औषधीय औद्योगिकीकरण हुआ है और यह क्षेत्र साधरणतः 120 स्क्वेयर किमी. है। मौजूदा औद्योगिक के अलावा इस क्षेत्र में नया विशेष आर्थिक क्षेत्र (Sprcial Economic Zone) का औद्योगिकीकरण हो रहा है। पिछले दो साल में संपूर्ण भूजल विज्ञानीय (Geohydrologically), रिमोट सेंसिंग जीओफिजिकल (Remote Sensing Geophysical) जांच की गयी है जिसको जियोहैड्रोलाजिकल (Hydrological) के मूल आकड़ों के उत्पत्ति के लिए बहुत उपयोगी माना जा रहा है। इस खंड के प्रदूषण के स्वरूप का अभ्यास करने के लिए भूजल प्रवाह (Groundwater flow) और मास ट्रॉन्सपोर्ट मॉडेलिंग (Mass Transport Modelling) किया गया है।

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