पुल

Submitted by admin on Fri, 10/18/2013 - 15:39
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काव्य संचय- (कविता नदी)
नदी स्थिर है
पुल बह रहा है-

दोनों कुल जोड़ने वाला पुल
बह रहा है
ठीक नदी की विपरीत दिशा में

आत्महत्या करने जा रहा पुल
उद्गम-चट्टानों से कूदकर
टूट जाएगा

और पुल पर चढ़ा मैं
जो तुम तक पहुँचना चाहता हूँ
और मुझ जैसे दूसरे मैं
पुल के साथ

तब नदी बहेगी
पुल के टुकड़ों को वक्ष पर लादकर
खून की लकीरें उभारती?