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प्रसार शिक्षा निदेशालय, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, राँची, जनवरी-दिसम्बर 2009
ताजे फलों में सामान्य जीवन क्रियाएँ जैसे श्वसन, उत्स्वेदन आदि होने के कारण विनाशशील होते हैं। इन क्रियाओं को एकदम नहीं रोका जा सकता, पर उचित प्रबन्धन से इनकी गति धीमी की जा सकती है। फलों की तुड़ाई के लिये परिपक्वता का सही ज्ञान होने से किसान भाई बहुत हद तक इस क्षति को कम कर सकते हैं।
विभिन्न फलों की तुड़ाई की कसौटियाँ
परिपक्वता की कसौटियाँ कई कारकों जैसे पोषण, फल का आकार, जलवायु, वृक्ष पर फलों की स्थिति, मिट्टी कटाई-छँटाई तथा वृद्धि नियामक पदार्थों के छिड़काव से प्रभावित होती है। अतः एक विधि पर निर्भर न रहकर विभिन्न कसौटियों के संयोग से परिपक्वता की सही अवस्था की जानकारी मिल सकती है। कुछ मुख्य फलों में व्यावहारिक रूप से इस्तेमाल किये जाने वाले तरीकों का वर्णन नीचे दिया गया है-
आम
गूदे का रंग हल्का पीला, फल का विशेष गुरूत्व 1.01 से 1.02 तक, गुठली पर रेशों का बनना, फल का घुलनशील ठोस 120 ब्रिक्स होने पर तुड़ाई के लिये उपयुक्त समझा जाता है।
केला
फल 115 से 130 दिन में तैयार हो जाते हैं। इस अवस्था में फल का तीन-चौथाई भाग का परिपक्व होना, कोणापन का लुप्त होना, गूदे और छिलके का अनुपात 1.1 से 1.4 होना प्रमुख लक्षण है।
नींबू वर्गीय फल
फलों का हरापन विलुप्त होकर फसल व किस्म के अनुसार केरोटिन का विकास, तुड़ाई के समय चीनी व अम्ल का अनुपात लगभग 10 से 12 प्रतिशत होना चाहिए।
अमरूद
रंग परिवर्तन पर फलों की तुड़ाई करते हैं, जब गहरा हरा रंग पीले रंग में परिवर्तित हो तथा फल का विशेष गुरूत्व 1 से कम (0.98 से 0.99) होना चाहिए।
पपीता
फल के ऊपर वाले हिस्से में या धानियों के मध्य वाले भाग में जैसे ही पीलापन शुरू हो तथा कम-से-कम 11.5 प्रतिशत घुलनशील ठोस पदार्थ की मात्रा होने पर तुड़ाई करनी चाहिए।
सीताफल
पूर्ण विकसित फलों का रंग जब गहरे हरे रंग से पीला हरा होने लगे तब तुड़ाई कर सकते हैं। इस अवस्था में फल की आँखें ऊभर जाती है। घुलनशील ठोस की मात्रा 16-17 प्रतिशत तक होती है।
बेर
फलों का रंग परिवर्तन की अवस्था पर तुड़ाई करते हैं, विशेष गुरूत्व 1 से कम हो तथा घुलनशील ठोस पदार्थ 17-18 प्रतिशत के आसपास होने पर परिपक्वता का अनुमान लगाया जाता है।
फालसा
फलों का रंग गहरा हो जाये, घुलनशील ठोस पदार्थ की मात्रा 19 प्रतिशत तथा अम्ल की मात्रा 34 प्रतिशत होती है।
अनार
अनार के पकने पर उसके दाने में किस्मानुसार रंग आता है। फलों में 12 से 16 प्रतिशत चीनी तथा 1.5 से 2.5 प्रतिशत तक अम्ल होता है। साधारणतया फलों को थपथपाने पर धातु सदृश्य आवाज आये तो समझना चाहिए कि फल परिपक्व है।आँवला
फल का रंग गहरे हरे रंग का हरा विशेष गुरूत्व किस्मानुसार जैसे बनारसी में 1.02 तथा चकैया में 1.10 होता है। घुलनशील ठोस पदार्थ तथा अम्ल के अनुपात में भी तुड़ाई की अवस्था का सही ज्ञान किया जा सकता है। अनुपात 1ः1 होता है।
बेल
फल पकने पर पीला पड़ जाता है। फल की परिपक्वता पर पेड़ की पत्तियाँ पूर्ण रूप से गिर जाती हैं।
पठारी कृषि (बिरसा कृषि विश्वविद्यालय की त्रैमासिक पत्रिका) जनवरी-दिसम्बर, 2009 (इस पुस्तक के अन्य अध्यायों को पढ़ने के लिये कृपया आलेख के लिंक पर क्लिक करें।) | |
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2 | उर्वरकों की क्षमता बढ़ाने के उपाय (Measures to increase the efficiency of fertilizers) |
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4 | फसल उत्पादन के लिये पोटाश का महत्त्व (Importance of potash for crop production) |
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