Source
दैनिक जागरण, 15 अप्रैल 2016
बुन्देलखण्ड में राज-समाज के साझा कोशिशों से 2000 तालाबों का काम धीरे-धीरे रुख लेने लगा है। बांदा के पिछले दौरे में प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश ने 2000 तालाबों की बात कही थी। उसके लिये उन्होंने तालाबों के लिये अनुदान की पहली किस्त भी जारी कर दी है। फिलहाल 19 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड के सभी सातों जिलों में तालाब के काम का उद्घाटन होगा। इन सातों जिलों से एक-एक गाँव में तालाब बनाने की शुरुआत की जाएगी।
सब कुछ ठीक रहा तो आने वाली बरसात बुन्देलखण्ड के लिये खुशियों की सौगात लेकर आएगी। यहाँ सरकार देर आये लेकिन दुरुस्त आये की राह पर चल पड़ी है। कभी जल संरक्षण के प्राकृतिक स्रोतों में सबसे मजबूत आधार रहे तालाबों के निर्माण की दिशा में ठोस पहल होने जा रही है।
दरअसल, किसानों संग मिलकर सरकार बुन्देलखण्ड के सूखा प्रभावित सातों जिलों में दो हजार तालाब बनाएगी। ये तालाब आने वाले दिनों में बुन्देलखण्ड को सूखे के अभिशाप से छुटकारा दिलाने में मील का पत्थर साबित होंगे। खेत किसान के होंगे तो आधी लागत सरकार भी देगी। प्रति तालाब अनुमानित खर्च करीब एक लाख पाँच हजार है। किसान चाहें तो मशीन से तालाब की खोदाई न कराकर खुद अपने ट्रैक्टर से खोदाई कर सकते हैं। इससे खोदाई की लागत भी सरकार वाले 50 फीसद खर्च से उनको मिलेगी। इतना ही नहीं, अगर मानसून धोखा दे गया, तो लघु सिंचाई विभाग द्वारा तालाबों में बोरिंग की जाएगी। इसका खर्च सरकार के 50 फीसद से दिया जाएगा।
तालाबों की गुणवत्ता का ख्याल रखते हुए खुदाई के दौरान निकलने वाली मिट्टी से ही इनकी मेड़ तैयार की जाएगी जिसपर बहुवर्षीय घास लगाई जाएगी। इनमें नैपियर घास, लैमन ग्रास और सीओ-4 घास होंगी। ताकि तालाब के आसपास का वातावरण हरियाली भरा हो और मेड़ को मजबूती भी मिल सके। किसान सिंचाई, पशुपालन और मछली पालन में तालाब के पानी का इस्तेमाल कर सकेंगे।
योजना की शुरुआत के लिये बुन्देलखण्ड के आयुक्त को कृषि निदेशक मुकेश श्रीवास्तव ने पत्र जारी करते हुए बजट भी जारी कर दिया है। 19 अप्रैल को इस योजना का शुभारम्भ सभी जिलों में होगा और आयुक्त एल.वेंकटेश्वर लू हमीरपुर जिले में उद्घाटन करेंगे। सरकार ने इन हरे-भरे विदेशी घास वाले तालाबों को विकसित करने के लिये 22 करोड़ 60 लाख जारी किये हैं।
करीब दो माह में लक्ष्य पूरा कर लिया जाना है। तालाब कहाँ और किन किसानों के साथ मिलकर बनाए जाएँगे, इसका फैसला जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में बनी कमेटी करेगी। उप निदेशक (अर्थ एवं संख्या) एसएन त्रिपाठी ने बताया कि इस दिशा में तेजी से काम चल रहा है। योजना के मुताबिक, झाँसी, जालौन, ललितपुर, चित्रकूट और हमीरपुर जिलों में से प्रत्येक में 250 तालाब बनेंगे। प्रत्येक जिले के लिये 262.50 लाख रुपए आवंटित हुआ है। बांदा जिले में 230 तालाबों के लिये 241.50 लाख रुपए और महोबा जिले में 500 तालाबों के लिये 525 लाख रुपए आवंटित किये गए हैं। 20 अन्य तालाब के लिये 21 लाख रुपए और ऊपरी व्यय के लिये 160 लाख रुपए आवंटित किये गए हैं।
सूखे से जंग
तालाब पर किसान और सरकार खर्च करेंगे आधा-आधा
मानसून ने मुँह फेरा तो लघु विभाग करेगा तालाबों में बोरिंग