रात दिना घमछाहीं

Submitted by Hindi on Fri, 03/19/2010 - 10:46
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घाघ और भड्डरी

रात दिना घमछाहीं।
घाघ कहैं बरखा अब नाहीं।।


भावार्थ- यदि रात में आकाश साफ रहे और दिन में धूप छाँह होती रहे तो घाघ का कहना है कि अब वर्षा नहीं होगी।