रात निर्मली दिन को छाँहीं

Submitted by Hindi on Sat, 03/20/2010 - 13:22
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घाघ और भड्डरी

रात निर्मली दिन को छाँहीं।
कहैं भड्डरी पानी नाहीं।।


भावार्थ- यदि रात्रि में आसमान स्वच्छ हो और दिन में बादल छाये रहें तो वर्षा नहीं होगी अर्थात् सूखा पड़ने वाला है।