रवि तामूल सोम के दरपन

Submitted by Hindi on Fri, 03/26/2010 - 09:58
Author
घाघ और भड्डरी

रवि तामूल सोम के दरपन। भौमवार गुर धनियाँ चरबन।।
बुध मिठाई बिहफै राई। सुक्र कहै मोहिँ दही सुहाई।।

सन्नी बाउभिरंगी भावै। इन्द्रो जीति पुत्र घर आवै।।


भावार्थ- यदि व्यक्ति कहीं यात्रा पर जा रहा है तो दिन का विचार कर लेना चाहिए। यदि रविवार है तो पान खाकर, सोमवार है तो दर्पण देखकर, मंगल है तो गुड़ और धनिया खाकर, बुध को मिठाई और वृहस्पति को राई खाकर, शुक्र को दही और शनिवार को वायबिडंग खाना चाहिए। ऐसा करके जो पुत्र जाता है वह इन्द्र को भी जीतकर घर आ सकता है।