सावन भादों खेत निरावै

Submitted by Hindi on Tue, 03/23/2010 - 14:25
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घाघ और भड्डरी

सावन भादों खेत निरावै।
तब गृहस्थ बहुतै सुख पावै।।


भावार्थ- घाघ का कहना है कि यदि किसान सावन और भादों मास में खेत की निराई करवा दे तो आगे उसे बहुत सुख मिलेगा।