मारूँ हरनी तोडूँ कास

Submitted by Hindi on Tue, 03/23/2010 - 12:22
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घाघ और भड्डरी

मारूँ हरनी तोडूँ कास।
बोऊँ उर्द हथिया की आस।।


भावार्थ- घाघ कहते हैं कि अगस्त नामक तारे के उदय की और कास में फूल लगने की चिन्ता छोड़कर हस्त नक्षत्र लगते ही उर्द बो देनी चाहिए।