सावन सुक्ला सत्तमी

Submitted by Hindi on Fri, 03/19/2010 - 14:49
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घाघ और भड्डरी

सावन सुक्ला सत्तमी, छिपके ऊगहि भान।
तौं लौं मेघा बरसिहें, जौ लौं देव उठान।


भावार्थ- यदि सावन महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को सूर्योदय बादलों के बीच में हो तो बादल कार्तिक माह की देवोत्थानी एकादशी तक पानी बरसाएँगे।