सावन सुक्ला सत्तमी

Submitted by Hindi on Sat, 03/20/2010 - 14:37
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घाघ और भड्डरी

सावन सुक्ला सत्तमी, उभरे निकले भान।
हम जायें पिय माइके, तुम कर लो गुजरान।।


भावार्थ- यदि श्रावण शुक्ल सप्तमी को सूर्य के उदय होने के समय आसमान स्वच्छ हो तो हे प्रियतम! मैं मायके जा रही हूँ और तुम किसी प्रकार अपना गुजारा कर लेना क्योंकि भीषण अकाल पड़ने वाला है।