नई दिल्ली में 11 दिसंबर को आयोजित एक समारोह में यह पुरस्कार यूनेस्को के सहयोग से वाटर डाइजेस्ट पत्रिका की ओर से प्रदान किया गया।
पिछले वर्ष स्थापित इस पुरस्कार के लिए वाटर डाइजेस्ट ने जल संरक्षण के क्षेत्र में काम कर रही संस्थाओं, कंपनियों व व्यक्तियों की पहचान करने की जरूरत महसूस की।
सहगल फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक रजत जय सहगल व प्रोग्राम लीडर ललित शर्मा ने शहरी विकास मंत्रालय के सचिव एम.रामचंद्रन, केंद्रीय जल आयोग के अध्यक्ष एक.के. बजाज, एफएओ के प्रतिनिधि गेविन हाल, डॉ. अतुल मित्तल व डॉ. बी.आर. नेपानी के हाथों यह पुरस्कार ग्रहण किया।
सहगल फाउंडेशन वर्ष 2002 से मेवात जिले में काम कर रहा है। दरअसल, बस्तियां वहीं बसती हैं, जहां शुद्ध पानी होता है। लिहाजा इस मूल्यवान संपदा की हिफाजत के लिए सहगल फाउंडेशन काम कर रहा है।
जल प्रबंधन, फाउंडेशन द्वारा चलाया जा रहा एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। इसके तहत फाउंडेशन हरियाणा के मेवात व कुरुक्षेत्र के इलाकों में भूजल संरक्षण के लिए काम कर रहा है। इस पुरस्कार ने फाउंडेशन द्वारा ग्रामीण जल संसाधनों के जीर्णोद्धार के लिए किए जा रहे कार्यो को एक पहचान दी है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस। दिसंबर 20, 2008
पिछले वर्ष स्थापित इस पुरस्कार के लिए वाटर डाइजेस्ट ने जल संरक्षण के क्षेत्र में काम कर रही संस्थाओं, कंपनियों व व्यक्तियों की पहचान करने की जरूरत महसूस की।
सहगल फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक रजत जय सहगल व प्रोग्राम लीडर ललित शर्मा ने शहरी विकास मंत्रालय के सचिव एम.रामचंद्रन, केंद्रीय जल आयोग के अध्यक्ष एक.के. बजाज, एफएओ के प्रतिनिधि गेविन हाल, डॉ. अतुल मित्तल व डॉ. बी.आर. नेपानी के हाथों यह पुरस्कार ग्रहण किया।
सहगल फाउंडेशन वर्ष 2002 से मेवात जिले में काम कर रहा है। दरअसल, बस्तियां वहीं बसती हैं, जहां शुद्ध पानी होता है। लिहाजा इस मूल्यवान संपदा की हिफाजत के लिए सहगल फाउंडेशन काम कर रहा है।
जल प्रबंधन, फाउंडेशन द्वारा चलाया जा रहा एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। इसके तहत फाउंडेशन हरियाणा के मेवात व कुरुक्षेत्र के इलाकों में भूजल संरक्षण के लिए काम कर रहा है। इस पुरस्कार ने फाउंडेशन द्वारा ग्रामीण जल संसाधनों के जीर्णोद्धार के लिए किए जा रहे कार्यो को एक पहचान दी है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस। दिसंबर 20, 2008