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आईबीएन-7, 02 सितंबर 2012
यूपी के हरदोई, रायबरेली, प्रतापगढ़ तथा जौनपुर जिलों की जीवनदायिनी सई नदी नाले में बदलती जा रही है। गंदगी और प्रदूषण की शिकार होने से नदी का वजूब अब खतरे में पड़ता जा रहा है। सई नदी कभी लोगों की धार्मिक आस्था का केंद्र थी। पुराणों में इस बात का जिक्र है कि जब भगवान राम वनवास जा रहे थे, तब उन्होंने इस नदी के तट पर विश्राम किया था। इस नदी के पानी का इस्तेमाल सिंचाई तथा जानवरों के लिए करते हैं। इसके अलावा घर के और कामों में भी ये पानी इस्तेमाल होता रहा है। लेकिन अब इस पानी को पीने से जानवरों की मौत तक हो जा रही है। शासन प्रशासन से तमाम शिकायतों के बाद भी जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो स्थानीय लोगों ने ही इस नदी को साफ सुथरा करने का बीड़ा उठाया। सिटिजन जर्नलिस्ट शैलेन्द्र मिश्र इस नदी को अपने पुराने वजूद में लाने की कोशिश कर रहे हैं।