चंबल, मध्य प्रदेश। अवैध शिकार और बढ़ती मानव गतिविधियों की वजह से कई जीव-जंतुओं का जीवन खतरे में पड़ गया है। गंगा डाल्फिन्स और घड़ियालों के लिए मशहूर मध्यप्रदेश की चंबल घाटी में भी कुछ ऐसा ही हो रहा है। अवैध उत्खनन के चलते घड़ियाल बेमौत मर रहे हैं। ऐसे में सिटीज़न ज़र्नलिस्ट आर.जे. राव ने घड़ियालों को बचाने की मुहिम छेड़ी है।
चंबल नदी का किनारा घड़ियालों की मनपसंद जगह है लेकिन कोई नहीं जानता कि पानी में मस्त ये घड़ियाल कब बेमौत मार दिए जाएं। सिटीजन जर्नलिस्ट राव पिछले 26 साल से इन घड़ियालों के संरक्षण के काम में लगे हैं।
धरती के सबसे पुराने प्राणियों में से एक घड़ियाल डायनासोर से भी पहले इस धरती पर आए। मछलियों की आबादी बहुत तेज़ी से बढ़ती है और घड़ियाल इन्हें खाकर जैविक संतुलन बनाये रखने में मदद करते हैं। इन्हें ख
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आईबीएन-7