शहर के तालाबों को बचाने का अशोक का संकल्प

Submitted by Hindi on Mon, 09/05/2011 - 11:15
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आईबीएन-7


शाजापुर/मध्य प्रदेश। तालाब हमारी जिंदगी हैं और तालाबों की जिंदगी को लालची लोग और भ्रष्ट प्रशासनिक व्यवस्था खत्म कर रही है। लेकिन मध्य प्रदेश के अशोक गुर्जर लालची लोगों और भ्रष्टाचार से मुकाबला कर रहे हैं। वो अपने शहर के एक ऐतिहासिक तालाब की जिंदगी बचाना चाहते हैं।

सिटिज़न जर्नलिस्ट अशोक गुर्जर जिनकी लड़ाई जुड़ी है अपने शहर में मौजूद एक ऐतिहासिक धरोहर को बचाने से जो किसी जमाने में शहर की जीवनरेखा थी।

मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले में बना एक तालाब रतड़िया तालाब के नाम से मशहूर है। 1000 साल पुराना ये तालाब सिर्फ पानी का स्रोत ही नहीं शहर की एक अहम ऐतिहासिक धरोहर भी है। आज ये तालाब बेमौत मर रहा है। किसी वक्त 48 बीघे में फैला हुआ ये तालाब सिमट कर 10 बीघे का रह गया है। तालाब के इस तरह खत्म होने की वजह है अतिक्रमण। करीब सौ से भी ज्यादा ईंट भट्टे वालों ने तालाब की जमीन पर कब्जा कर लिया है। बिना लाईसेंस के चल रहे ये ईट भट्टे तालाब को तो घेरे ही हुए है पानी को भी प्रदूषित कर रहे हैं।

ये तालाब अब बहुत गंदा हो चुका है। प्रशासन की लापरवाही और राजनीतिक छत्रछाया में अतिक्रमण करने वालों के हौसले बुलंद हैं और यहां का भूजल स्तर लगातार गिर रहा है।

किसी जमाने में ये तालाब शहर के लोगों के लिए पीने के पानी का अहम जरिया हुआ करता था। लोग यहां खाली वक्त में आ कर बैठते थे। आज इससे आने वाली बदबू ने लोगों को बेहाल कर दिया है और तो और शहर के गंदे नालों का पानी सीधे तालाब में छोड़ा जा रहा है। बचीखुची कसर लोग इसमें कूड़ा और मलबा डाल कर पूरी देते है।

अशोक कई बार तालाब को बचाने के सिलसिले में अधिकारियों से मिल चुके हैं और लिख भी चुके हैं लेकिन प्रशासन की नींद है कि टूट ही नहीं रही। 2003 में नगरपालिका परिषद ने तालाब का जमीन से अवैध कब्जा हटाने के लिए प्रस्ताव पारित किया था लेकिन 6 साल में इस पर कभी अमल नहीं हुआ।अशोक एक बार फिर अधिकारियों के पास गए ये जानने की इस तालाब के रखरखाव का काम अब तक क्यों नहीं शुरू हुआ। उन्होंने अधिकारी से बिना लाईसेंस तालाब पर चल रहे ईंट भट्टों के बारे में बात की तो उनके पास जवाब ही नहीं थे। वो कहते भी तो क्या। उन्होंने एक बार फिर कोरा आश्वासन दिया कि तालाब को बचाने के लिए कार्यवाई की जाएगी। क्या कार्यवाई होगी, कब तक होगी ये उन्होंने नहीं बताया। लेकिन अशोक ने भी तालाबों को बचाने का संकल्प लिया है।
 

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