चिलर नदी : रक्षक ही बन गए भक्षक

Submitted by Hindi on Fri, 09/07/2012 - 12:03
Source
आईबीएन-7, 02 सितंबर 2012

शाजापुर की लाइफलाइन चिलर नदी लोगों की अनदेखी के कारण दम तोड़ रही है। जिनको चिलर नदी की रक्षा करने की जिम्मेदारी दी गई है वही लोग चिलर नदी को सीवर के नाले की तरह इस्तेमाल करके मार रहे हैं। शाजापुर के वार्ड नंबर 7 में शहर के सभी नाले आते हैं और नदी में मिल जाते हैं। बूचड़ खाने की गंदगी को भी इसमें फेंका जाता है। यहां बदबू इतनी है कि खड़ा रहना भी मुश्किल है। शाजापुर में सीवेज की निकासी का सही इंतजाम नहीं है। शहर के बीचोंबीच बहने वाली इस नदी में ही नालों का गंदा पानी बिना ट्रीट किए डाल दिया जाता है। गंदगी से नदी की हालत खराब होती जा रही है। नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक हर साल 6 -7 लाख रुपये नदी की साफ सफाई पर खर्च किए जाते हैं। नदी में गंदगी देखकर साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि अधिकारियों को नदी बचाने की जरा भी परवाह नहीं है। नदी की सफाई के लिए कई योजनाएं बनाई गईं लेकिन उन पर काम आज तक नहीं हुआ। मनोज जैन सिटिजन जर्नलिस्ट बनकर इस नदी को खत्म होने से बचाने की कोशिश में लगे हैं।