पानी को जहरीला बना रही हैं फैक्ट्रियां

Submitted by Hindi on Fri, 05/18/2012 - 10:16
Source
आईबीएन-7, 03 अप्रैल 2012

भारती जाटव रतलाम की कालोनी में रहती हैं। इस इलाके में पानी के लिए संघर्ष पिछले कई साल से होता आ रहा है। ये सब इसलिए हो रहा है क्योंकि इलाके में लगा हैंडपंप अब पानी नहीं लाल रंग का जहर उगल रहा है। इलाके में नगर निगम 7-8 दिन में पीने के पानी की सप्लाई करता है। नगर निगम से पानी की सप्लाई ऐसी है कि मजबूरी में रोजमर्रा के कामों के लिए इसी प्रदूषित पानी का इस्तेमाल करना पड़ता है। रतलाम का भूमिगत पानी पिछले 10 साल में जहरीला हो गया और अब लोग साफ पानी की एक एक बूंद के लिए तरस रहे हैं। रतलाम के भूमिगत पानी का प्रदूषित होना पर्यावरण से हो रहे लगातार हो खिलवाड़ का नतीजा है। रतलाम में औद्योगिक विकास के लिए पिछले कई साल से फैक्ट्रियां लगाई जा रही है। इन फैक्ट्रियों में निर्माण प्रक्रिया के दौरान बड़े पैमाने पर औद्योगिक कचरा भी तैयार होता है। औद्योगिक कचरे को खत्म करने और उससे प्रदूषण रोकने की जिम्मेदारी फैक्ट्रियों की होती है। इस काम को फैक्ट्रियां सही तरह से अंजाम दे रही हैं या नहीं ये सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की होती है।